नया सवेरा नेटवर्क
मेरठ। स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार को एक और मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को मेरठ में मार गिराया। दुजाना राज्य के शीर्ष गैंगस्टरों में शामिल था और कई मामलों या हत्या और जबरन वसूली में शामिल था। यूपी पुलिस द्वारा गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद को एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराए जाने के कुछ हफ्ते बाद ही यह घटनाक्रम सामने आया है।
पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 2021 में पकड़ा था। दुजाना के खिलाफ 62 मामले दर्ज थे, जिनमें 18 हत्या, जबरन वसूली, लूटपाट, जमीन कब्जाने और अन्य शामिल थे।
बुलंदशहर पुलिस ने अनिल दुजाना पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था और नोएडा पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था। वह 2012 से जेल में था, लेकिन 2021 में उसे जमानत मिल गई थी। बाद में पुराने मामलों में पेश न होने पर कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।
- जेल से चलाता था साम्राज्य
उल्लेखनीय है कि 2012 में तिहरे हत्याकांड में पकड़े जाने के बाद अनिल दुजाना ने अन्य अपराधियों रणदीप भाटी और अमित कसाना की मदद से जेल से ही अपना आपराधिक साम्राज्य चलाना शुरू कर दिया था। दुजाना ने जेल में बैठकर हत्या, रंगदारी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई और अपने सहयोगियों को निर्देशित किया।
- दुजाना बनाम भाटी गैंग
अनिल दुजाना परिवार की सुंदर भाटी गिरोह से लंबे समय से दुश्मनी चल रही थी। 2012 में दुजाना और उसके गिरोह ने सुंदर भाटी और उसके करीबियों पर एके-47 राइफल से हमला किया था। सरकारी ठेकों, स्टील बारों की चोरी और टोल प्लाजा के ठेकों को लेकर दोनों प्रतिद्वंद्वी गिरोह अक्सर आमने-सामने आ जाते थे। भाटी गैंग की धमकी के चलते ही पुलिस दुनाना को बुलेटप्रूफ जैकेट में कोर्ट ले जाती थी।
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