नया सवेरा नेटवर्क
पुलिस कस्टडी में हुई घटना, पेशी के लिए लाये गये थे दो हत्याभियुक्त
एक वर्ष पूर्व पहलवान हत्याकंाड मामले में आरोपियों से बदला लेने के लिए हुआ हमला
धराया हमलावर श्रवण कुमार मृतक पहलवान का बताया जा रहा भाई
फोटो--5,9,10
जौनपुर। दोपहर के करीब 12 बजने वाले थे। दूर दराज से आये मुवक्किल अपने अपने वकीलों के साथ अपने मामलों को देख रहे थे। इसी आपाधापी में अचानक ठांय ठांय की आवाज गूंजी। आवाज के साथ लोग इधर उधर भागने लगे। किसी को इस बात का आभास भी नहीं था कि ये आवाज पुलिस कस्टडी में पेशी के लिए आये दो हत्या अभियुक्तों को मारने के लिए चलाई गई ताबड़ तोड़ गोलियों की थी। हमलावर कई राउंड फायर झोंक कर भागने लगे तभी वकीलों ने हिम्मत दिखाई और आये हुए हत्याभियुक्तों के परिजनों के साथ मिलकर एक हमलावार को दबोचने में सफलता हासिल करते हुए उसकी जमकर धुनाई कर पुलिस के हवाले कर दिया। यह पूरा घटनाक्रम एक वर्ष पूर्व हुए एक हत्याकांड का बदला लेने के लिए अंजाम दिया गया था।
बताते हैं कि पेशी के पश्चात दोंनो अभियुक्तो सत्य प्रकाश राय एवं मिथिलेश को लेकर पुलिस लाकब में ले जाने को कोर्ट से बाहर निकली थी कि तभी कानून के भय से बेखौफ तीन बदमाशो ने दीवानी न्यायालय परिसर में ही रिवाल्वर से दोंनो अभियुक्तो सत्य प्रकाश राय और मिथिलेश गिरी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे। मिथिलेश को पीठ में गोली लगते ही वह वहीं पर गिर पड़ा जबकि सूर्य प्रकाश के हाथ में गोली लगी और दीवानी न्यायालय में अचानक दहशत फैल गई। लेकिन कुछ अधिवक्ताओ ने साहस का परिचय देते हुए बदमाशो को पकड़ने के लिए दौड़ाया बदमाश भागे एक बदमाश श्रवण कुमार यादव निवासी ग्राम धर्मापुर को अधिवक्ताओ ने पकड़ने के बाद उसकी जबरदस्त दैहिक समीक्षा किया और इतना मारा कि उसकी हालत मरणासन्न जैसी हो गई। जबकि पुलिस के अधिकारी दावा कर रहे है कि अभियुक्तो को पेशी पर ले जाने वाले सिपाही ने एक बदमाश को पकड़ा अधिवक्ताओ ने भी बदमाश को पकड़ने में पुलिस का सहयोग किया है। घटना की खबर वायरल होते ही मौके पर पहुंची थाने की पुलिस के वकीलो ने बदमाश को सौंप दिया। जिसे हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने गोलीकांड में घायल बदमाश एवं अभियुक्त मिथिलेश तथा सत्य प्रकाश को उपचार के लिए अस्पताल भेजवा दिया। जहां पर प्रथमिक उपचार के बाद वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया है। इस घटना में शामिल दो बदमाश और भागने में सफल रहे है। जिनकी पहचान पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश के बयान के बाद करते हुए बताया कि फरार बदमाशो का नाम अंकित यादव और वीरेन्द्र कुमार है। जल्द ही दोंनो की गिरफ्तारी होगी। यहां बता दे कि दीवानी न्यायालय परिसर में गोलीकांड को अंजाम देने वालो में अधिवक्ताओ द्वारा पकड़े गए बदमाश की पहचान श्रवण कुमार यादव भाई मृतक पहलवान बादल यादव के रूप में हुई है। इस तरह यह घटना एक साल पहले हुई पहलवान हत्याकांड के प्रतिशोध को लेकर हुई है। ऐसा दीवानी न्यायालय में चर्चा का बिषय रहा है। गोलीकांड के बाद थानाध्यक्ष लाइन बाजार सहित उप पुलिस अधीक्षक नगर और उप पुलिस अधीक्षक सदर तथा थाना कोतवाली और जफराबाद की पुलिस दीवानी न्यायालय पहुंच गयी थी लगभग आधा घन्टे बाद घटनास्थल पर पुलिस अधीक्षक डॉ अजयपाल शर्मा पहुंचे और निरीक्षण किया तथा अधीनस्थ अधिकारियों से अपराध को लेकर फीड बैक लिया। यहां एक बात और बता दें कि दीवानी न्यायालय की कड़ी सुरक्षा के लिए दीवानी न्यायालय प्रशासन द्वारा सभी चार प्रवेश द्वारों पर मेडल डिटेक्टर लगाया गया है और लगभग दो दर्जन के आसपास पुलिस कर्मी सभी गेटो पर तैनात है कि सभी की चेकिंग करें ताकि न्यायिक परिसर में कोई भी व्यक्ति असलहा आदि लेकर न प्रवेश कर सके। लेकिन इसके बावजूद भी मंगलवार को न्यायिक कार्य के दौरान बदमाश असलहा लेकर दीवानी न्यायालय परिसर में पहुंच कर गोलियों की तड़तड़ाहट से सभी को दहशत में डाल दिये। इस घटना ने न्यायिक परिसर की सुरक्षा व्यवस्था एवं इसमें लगाये गए पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। हलांकि अपर पुलिस अधीक्षक नगर बृजेश कुमार ने इस संदर्भ में बात करने पर बताया कि अब इसकी जांच करायी जायेगी कि किस गेट से बदमाश असलहा लेकर न्यायालय परिसर में घुसे थे इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस अधीक्षक मीडिया से बात करने से बचते नजर आए और घटना के बाबत अधिवक्ताओ से बातचीत किये। फरार बदमाश कब सलाखों के पीछे पहुंचेगे यह भी एक बड़ा सवाल है।
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