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साक्ष्य के साथ पुलिस ने दोनों को किया गिरफ्तार
सिरकोनी जौनपुर। जफराबाद थाना क्षेत्र के मिसीरपुर गांव के पास प्रयागराज रेल प्रखंड के किनारे गुरु वार को गला रेतकर युवक की हत्या की गई थी। मामले में पुलिस छानबीन में लगी हुई थी। शुक्रवार क ी तड़के शंकरगंज से पुलिस ने हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया। उक्त युवक की हत्या पति-पत्नी ने पैसे के लिए किया था। पति पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर साक्ष्य के साथ जेल भेज दिया। थानाध्यक्ष राजाराम दिवेदी ने बताया कि उक्त गांव निवासी कल्पना की शादी उर्दू बाजार में हुई थी। कुछ वर्ष पूर्व उसके पति की मौत हो गई। अपने देवर अजय कुमार से उसने शादी रचाई। पति अजय कुमार बैंड पार्टी मैं बाजा बजाने का कार्य करता है। कल्पना अक्सर अपने मायके में ही रहती थी। एक निजी अस्पताल में कार्य करती थी। मृतक संदीप जलालपुर से जौनपुर ऑटो चलाने का कार्य करता था। कल्पना अक्सर उसके ऑटोरिक्शा में बैठकर जौनपुर से घर के लिए आती थी। कल्पना का संदीप के साथ प्रेम प्रपंच चलने लगा। जिसके बाद संदीप कल्पना के मायके आने जाने लगा। इस बात की जानकारी पति अजय कुमार को हुई। पति अजय तथा कल्पना दोनों मिलकर संदीप का शोषण करने लगे। उसकी कमाई का सारा पैसा अपने ऊपर खर्च कराने लगे। पैसे के लेनदेन को लेकर संदीप तथा अजय कल्पना के बीच कुछ कहासुनी होने लगी। संदीप अपनी पत्नी को छोड़कर प्रेमिका कल्पना को अपने साथ जीवनसाथी के रूप में रहने के लिए जिद करने लगा। यह बात दोनों को नागवार लगने लगी। दोनों ने संदीप को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। हत्या वाले दिन संदीप को दोनों ने बुलाया। घर पर मीट तथा शराब मंगाकर अजय और कल्पना ने संदीप को खूब पिलाया। गहरी नींद में सो जाने के बाद पशु काटने वाले चाकू से अजय ने संदीप की गर्दन रेत दिया। इस दौरान कल्पना संदीप को छटपटाते समय दबोच कर रखी हुई थी।
संदीप की हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने का दम्पत्ति ने किया था प्रयास
सिरकोनी। संदीप की हत्या के बाद पति व पत्नी ने साक्ष्य मिटाने का प्रयास किए थे। लगभग रात को 1 बजे घटना को अंजाम देने के बाद घर के अंदर गला काटने पर चारों तरफ खून थे। गला काटने पर तेज धारा से खून के छींटे अजय तथा कल्पना के कपड़े पर भी गिरे। उक्त दोनों ने संदीप को अपने घर से नजदीक 100 मीटर दूर घसीटते हुए रेलवे ट्रैक पर लाकर सुला दिया। उसके बाद अपने कपड़े पर लगे हुए खून को मिटाने के लिए पास में ही एक तालाब में ले जाकर कपड़े को छुपा दिए। कपड़ा बदल कर अपने घर में खून की साफ सफाई करके बचने का प्रयास किए। लेकिन 1 बजे के बाद प्रयागराज रेल प्रखंड पर कोई ट्रेन गुजरी ही नहीं। जिसकी वजह से यह अपने मंसूबे में फेल हो गए। यदि ट्रेन आ गई होती तो संदीप ट्रेन से कटकर अलग हो गया होता। मामला आत्महत्या का हो जाता और वे अपने मंसूबे में सफल हो जाते।
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