प्रयागराज: विद्वानों का सम्मान हमारी संस्कृति की विशिष्टता : प्रो. रामहित | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
प्रयागराज। हिंदी साहित्य परिषद और बायोवेद शोध संस्थान की ओर से सभागार में मंगलवार को सम्मान समारोह और कवि गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य प्रो. रामहित त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि कृषि वैज्ञानिक अमिताभ और अध्यक्षता कर रहे आकाशवाणी के पूर्व कार्यक्रम अधिकारी व संस्कृत विद्वान डॉ. रामजी मिश्र ने दीप प्रज्जवलित करके किया।
इस अवसर पर प्रो. रामहित ने कहा कि विद्वानों का सम्मान हमारी संस्कृति की विशिष्टता है। सम्मान से रचनाकर्म को प्रोत्साहन मिलता है। अतिथियों ने विशिष्ट योगदान के लिए संस्कृत विद्वान प्रो. जनार्दन प्रसाद मणि, साहित्यकार मेहाग पांडेय को सारस्वत सम्मान और लेखिका अर्चना शुक्ला को शब्द श्री सम्मान से सम्मानित किया। सम्मान स्वरूप शॉल और प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया।
इस मौके पर हुई काव्य गोष्ठी में डॉ. वीरेन्द्र तिवारी ने कविता गीत मेरा सुनें न सुनें आप पर, धड़कनें अपने दिल की सुना कीजिए.. प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। देवी प्रसाद ने कविता लिखूं मैं हमेशा गजल आंसुओं से..., पं. राकेश मालवीय ने सूरज बदले अपनी माया... कविता प्रस्तुत की। केशव सक्सेना, उर्वशी उपाध्याय, संचालन कर रहे उमेश श्रीवास्तव ने काव्य पाठ किया। इस मौके पर हास्य कवि चिरकुट इलाहाबादी को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।