जौनपुर: भाजपा नेता के परिवार को प्रताड़ित करने की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
भोला सिंह ने बीते दिनों आत्महत्या करने का किया था प्रयास
परिजनों व गांव वालों ने पुलिस पर प्रताड़ना का लगाया है आरोप
जौनपुर। अतिरिक्त उप जिलाधिकारी द्वितीय, अर्चना ओझा ने अवगत कराया है कि जिला मजिस्ट्रेट के पत्र 20 मई के द्वारा गोपाल सिंह पुत्र आद्या प्रसाद सिंह निवासी ग्राम सुरूवारपटटी थाना सिकरारा के द्वारा यह आरोप लगाये गये है कि थाना बक्शा के प्रभारी व अन्य सिपाहियो द्वारा गैर कानूनी व अमानवीय अत्याचार के विरूद्ध मजिस्ट्रेट जांच कराये जाने के बावत घटना 14 मई को भूपाल सिंह जो भारतीय जनता पार्टी के जिला मन्त्री है, जो कोल्हनामऊ निवासी मंगता जाति के कुछ लोग सड़क पर जाम लगाये थे को समझाने बुझाने पहुंच गये और उपरोक्त मंगता को नैयतिक समर्थन देने के कारण थानाध्यक्ष बक्शा त्रिवेणी सिंह ने मेरे भाई भूपाल सिंह को लाठियो से बुरी तरीके से मारा पीटा, उनके शरीर पर बहुत से गहरी चोट लगी है तथा उनको धमकी दिया कि तुम्हारी नेता गिरी भुला दूंगा। इतना ही नहीं पुलिस थाना बक्शा उसी दिन शाम 8 बजे एक झूठे मुकदमे मे 105/2023 अन्य सह अभियुक्तो के साथ नामित कर दिया तथा अगले दिनांक 16 व 17 मई को रात्रि लगभग 1 बजे अपने गांव मे अपनी नमकीन के कारखाने पर मै सोया था, थानाध्यक्ष त्रिवेणी सिंह, एसआई करीमुल्लाह, एसआई गोपाल तिवारी, कान्सटेबल नन्दलाल यादव व अभिनित द्धिवेदी एवं अन्य सिपाहियो द्वारा नमकीन कारखाने पर पहुंच कर मुझे वहां से उठा लिया और मुझे मारा पीटा मेरे कारखाने का ताला तोड़कर और मेरे कारखाने मे रखा तेल बेसन निर्मित एक कुन्टल नमकीन खराब कर दिया दराज से 10 हजार रूपया निकाल लिया तथा एक लाख रूपया का सामान नुकसान कर दिया, और कारखाने के बगल स्थित मड़हा को आग लगा दिये, उसी रात्रि को घर आ करके थानाध्यक्ष त्रिवेणी सिंह 10 से 12 पुरूष सिपाहियो द्वारा महिलाओ को मारा पीटा गया तथा गले के चैन छिन ले गये तथा कान मे पहने जेवर को भी छीन लिया गया। महिलाओ को प्रताडि़त किया गया उसमे कोई भी महिला दरोगा व महिला सिपाही मौजूद नही थी। उपरोक्त घटना से प्रार्थी के बूढ़े माता पिता एवं घर की महिलाये अपमानित महसूस कर रही है जिसकी मजिस्ट्रीयल जांच कराने की मांग की गयी है। उक्त प्रकरण की मजिस्ट्रीयल जांच कराये जाने के लिए डीएम के आदेश पर अतिरिक्त एसडीएम अर्चना ओझा को नामित किया गया है। जिसके बाद एसडीएम अर्चना ओझा ने जांच शुरू करते हुए संबंधित गवाहों व पीडि़तों को एक सप्ताह के अन्दर न्यायालय कोर्ट नं 16 अतिरिक्त उपजिलाधिकारी में उपस्थित होकर अपना मौखिक/अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हंै।