नया सवेरा नेटवर्क
चेतन सिंह
जौनपुर। वाराणसी-लखनऊ रेल प्रखंड पर NBP-निभापुर स्टेशन के पूर्वी फाटक पर गुरुवार को बनारस से चलकर देहरादून को जाने वाली 15119 जनता एक्सप्रेस को फाटक के बीचों बीच अचानक खड़ा कर दिया गया। फिर क्या था साहब को चाय पिलाने के लिए भागता हुआ चाय वाला केतली लेकर पहुंच गया और झट से चाय निकालकर साहब के हाथों में पकड़ाया।
यह देख धूप में खड़े लोग भी कहने लगे कि गजब! चाय पीने के लिए साहब ने तो ट्रेन ही रोक दी। अब इस कारनामे में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन खुली आंखों से तो लोगों ने यही देखा और फोटो भी क्लिक कर लिया। अब यह तो जांच का विषय है कि आखिर रेलवे फाटक के बीचों बीच ट्रेन खड़ी करके क्या वाकई में साहब ने यह कारनामा सिर्फ चाय के लिए किया। लोगों का यह भी कहना है कि आखिर साहब को चाय की तलब ही थी तो ट्रेन थोड़ा और आगे रोक देते कम से कम सड़क मार्ग से गंतव्यों को जाने वाले इस तरह से जाम में फंसते तो नहीं, लेकिन जब साहब ने ऐसा कारनामा कर ही दिया तो कोई क्या बोल सकता था।
इस विषय में जब कुछ लोगों से पूछा गया तो लोगों ने कहा कि सिग्नल न मिलने की वजह से ट्रेन रोकी गई है और अधिक डिब्बा होने की वजह से यह फाटक तक आ गई। बहरहाल इसे लापरवाही कहा जाए या अधिकारियों की अनदेखी। इतनी कड़ी धूप में फाटक के बीच ट्रेन खड़ी हो जाने से सड़क पर दोनों तरफ लंबी वाहनों की कतार लग गई। इसी बीच फाटक के केबिन बॉक्स में तैनात अपने आप को रेल कर्मी बताने वाला एक व्यक्ति ट्रेन ने तैनात गार्ड साहब के पास चाय की केतली लेकर दौड़ पड़ा, जिसे देख गर्मी से बेहाल सड़क पर वाहन लेकर खड़े लोग रेल प्रशासन को कोसते नजर आए।
लोगों में आक्रोश के साथ ही चर्चा रहा कि गार्ड साहब को चाय ही पीनी थी तो ट्रेन को फाटक के आगे खड़ा करवा देना चाहिए था जिससे आमजन का आवागमन प्रभावित न होता। हालांकि कुछ वाहन चालकों ने केबिनमैन से फाटक पर खड़ी ट्रेन होने कारण पूछा मगर केबिनमैन ने इस संबंध में कुछ कहने से इनकार करते हुए सिग्नल न होने की आशंका जताई। वहीं तकरीबन 20 मिट बाद फाटक खुलने पर लोग अपने-अपने गर्तव्य के लिए प्रस्थान किए।
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