भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मुझे टांग खींचने में मजा आता है
जब किसी को खूब तरक्की करते देखता हूं
तो मुझे बहुत जलन खोरी होती है
उसकी टांग खींचने के प्लान में भिड़ जाता हूं
क्योंकि मुझे टांग खींचने में मजा आता है
व्हाट्सएप ग्रुप में जब किसी की तारीफ सुनता हूं
तो मुझे पेट दर्द चालू हो जाता है उसकी
कमजोरियों को व्हाट्सएप पर आउट करता हूं
क्योंकि मुझे टांग खींचने में मजा आता है
जब किसी के आर्टिकल रचनाएं बढ़िया होते हैं
तो उसपर कॉपी पेस्ट के आरोप लगाता हूं
संपादकों को उसकी बुराइयां सुनाता हूं
क्योंकि मुझे टांग खींचने में मजा आता है
जब धार्मिकस्थानों समाज में कद बड़ा देखता हूं
तो समाज में उसपर लांछन लगाता हूं
बदनाम करने में कसर नहीं छोड़ता हूं
क्योंकि मुझे टांग खींचने में मजा आता है
एक उंगली दूसरों पर उठाता हूं लेकिन
मेरे तरफ तीन उठती है बड़ा शर्मिंदा होता हूं
जलन खोरी की सजा काटता हूं पर क्या करूं
मुझे टांग खींचने में मजा आता है
-लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार पत्रकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र