वाराणसी: गंगा में वाटर टैक्सी का तकनीकी परीक्षण | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। गंगा में वाटर टैक्सियों का संचालन ग्रॉस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (जीसीसी) मोड पर होगा। यानी, चालक-परिचालक सेवा प्रदाता कम्पनी के होंगे। मेंटीनेंस का जिम्मा भी वही करेगी।
किराया तय करने के साथ ही वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (वीसीटीएसएल) इनकी मॉनीटरिंग करेगा।
फिलहाल रामनगर किला से रविदास घाट, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, ललिता घाट (काशी विश्वनाथ मंदिर) होते नमो घाट तक इनका संचालन प्रस्तावित है।
मंगलवार सुबह अधिकारियों ने इसी रूट पर वाटर टैक्सी चलाकर तकनीकी परीक्षण (टेक्निकल सर्वे) किया। गुजरात की एक कम्पनी ने सीएसआर फंड के तहत दो वाटर टैक्सियां दी हैं।
कमिश्नर कौशल राज शर्मा के निर्देश पर इनके संचालन की जिम्मेदारी वीसीटीएसएल को दी गई है। वीसीटीएसएल के एमडी गौरव वर्मा ने कहा कि वाटर टैक्सियों का किराया कम से कम रखा जाएगा। प्री-बिड मीटिंग में संचालन में आने वाले खर्च और अन्य बिंदुओं पर विचार करके किराया और रूट फाइनल किया जाएगा।
- प्री-बिड मीटिंग के बाद संचालन
वीडीए सभागार में मंगलवार को हुई बैठक में तय किया गया कि भविष्य में और टैक्सियां आने पर इसी मोड पर उन्हें चलाया जाएगा। निर्णय लिया गया कि संचालन से पहले प्री-बिड मीटिंग होगी। इसमें सम्भावित सेवा प्रदाता कम्पनियों के प्रतिनिधि भी रहेंगे।
उन्हें संचालन के नियम व शर्तें बताई जाएंगी। बैठक में वीडीए उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल, अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार, आरटीओ (प्रशासन) यूबी सिंह, एसीपी (ट्रैफिक) विकास श्रीवास्तव और वीसीटीएसएल के एमडी गौरव वर्मा थे।