जौनपुर: लेखपाल के खिलाफ ग्राम प्रधान ने डीएम से की शिकायत | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
दबंगो के साथ मिलकर सरकारी जमीन कब्जा कराने का आरोप
सिकरारा जौनपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब से सत्ता की कमान संभाले हुए हैं तभी से भू माफियाओं सहित अपराधियों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए देखे जा रहे हैं। जिससे भू माफियाओं व अपराधियों में खलबली मची हुई है लेकिन ये विडंबना ही है कि जिले की तहसील सदर अंतर्गत सिकरारा विकासखंड के ग्राम सभा भरसवाका लेखपाल दबंगई के बल पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले भू माफियाओं का साथ बराबर दे रहा है जिससे भू-माफियाओं का मनोबल तो बढ़ा ही वहीं ग्राम सभा का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। उक्त ग्राम सभा के ग्राम प्रधान जगन्नाथ मौर्य ने बताया कि शासन के निर्देश पर ग्राम सभा में एक पंचायत भवन का निर्माण कार्य करवाना था जिसके लिए गांव के बीचो बीच संपर्क मार्ग के किनारे ग्राम समाज की जमीन है जिस पर कुछ लोगों का अनावश्यक कब्जा है उसी जमीन पर ग्राम पंचायत भवन का निर्माण कार्य करवाने के लिए सदर तहसीलदार के मौजूदगी में लेखपाल अखिलेश द्वारा पुलिस की मौजूदगी में भूमि की पैमाइश करा कर अपना अपना कब्जा हटाने के लिए कहा गया और ग्राम पंचायत भवन बनवाने का आदेश भी दिया गया लेकिन एक हफ्ते बाद जब प्रधान द्वारा भवन की नींव खुदवाने का प्रयास किया गया तो लेखपाल खुद आकर रोक दिया पूछने पर बताया कि यह विवादित जमीन है यहां ग्राम पंचायत भवन मत बनाइए लेखपाल की इस हरकत की जानकारी प्रधान द्वारा लिखित रूप से राजस्व विभाग के अधिकारियों सहित जिलाधिकारी को दिया गया लेकिन किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। उक्त प्रकरण चल ही रहा था कि शासन के निर्देशानुसार दूसरे ग्राम समाज की जमीन पर प्रधान द्वारा पक्का घूर गढ़ा बनवाए जा रहा था जिसमें सरकार के कुल लगभग दस हजार रूपये खर्च हो गए थे। आरोप है कि जब लेखपाल को इसकी जानकारी मिली तो वह बिना किसी आदेश के पहुंचा और अपने ही हाथ से गिरा दिया जानकारी करने के लिए प्रधान ने फोन किया तो उनका फोन नहीं उठाया। इस संबंध में पूछे जाने पर उसने बताया कि यह जमीन विवादित है। लेखपाल के इस हरकत से ग्राम वासियों ने थाने पर एसडीएम के यहां और डीएम के यहां दोबारा प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग किया लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्राम प्रधान ने आरोप लगाते हुए कहा कि लेखपाल विपक्षियों सेमोटी रकम लेकर उनकी मदद कर रहा है और हमारे विकास कार्य में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है अब यह देखना है कि शासन-प्रशासन उक्त लेखपाल के ऊपर किस प्रकार की कार्रवाई करता है या लेखपाल को अपना कमाऊ पूत समझकर दबंगई और भ्रष्टाचार करने की खुली छूट देता है।