डा. दत्तात्रेय नारायण को शाह के हाथों मिला महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- अप्पासाहेब ने लाखों लोगों को राह दिखाने का किया काम : अमित शाह
- महाराष्ट्र ने देश को वीरता,भक्ति और सामाजिक चेतना का मार्ग दिखाया
मुंबई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि महाराष्ट्र ने देश को वीरता, भक्ति और सामाजिक चेतना ऐसे तीन मार्ग पर दिशा देने का काम किया है। महाराष्ट्र भूषण डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने समाज के दूसरे सदस्यों को काम करना भी सिखाया है।
जब इस देश को ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ के मंत्र की जरूरत है,अप्पासाहेब ने लाखों लोगों को राह दिखाने का काम किया है, रविवार को वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दत्तात्रेय नारायण को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान करने के बाद वे आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
पुरस्कार कार्यक्रम में लाखों की संख्या में आई जनता पर गृह मंत्री ने कहा कि अपने जीवन में पहली बार किसी सामाजिक कार्यक्रम में निःस्वार्थ और बिना किसी प्रचार-प्रसार के इतनी बड़ी संख्या को मैं संबोधित कर रहा हूं। धर्माधिकारी और उनकी संस्था की जमकर सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि बिना किसी प्रसिद्ध की इतने बड़े समूह की सेवा करना आज तक हमने नहीं देखा।
ऐसा मान, सम्मान, भक्ति त्याग, समर्पण और सेवा से ही संभव है। अप्पासाहेब के प्रति हमारा प्रेम, विश्वास और सम्मान उनकी संस्कृति, उपलब्धि और नानासाहेब की शिक्षाओं का सम्मान बढ़ा है। मैंने एक ही परिवार में कई वीरों को जन्म लेते देखा है।
लेकिन तीन पीढ़ी तक समाज की सेवा की परंपरा को पहली बार देख रहा हूं। अमित शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देकर लाखों लोगों को उनके जैसा जीवन जीने की प्रेरणा देने का काम किया है। मैं इसके लिए उन्हें और राज्य सरकार को बधाई देता हूं। शाह ने इस मौके पर कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का वीर मार्ग प्रारंभ किया।
स्वतंत्र वीर सावरकर, चाफेकर बंधु, प्रथम क्रांतिकारी वासुदेव बलवंत फड़के, लोकमान्य तिलक ने स्वराज्य, सम्मान के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इस धरती ने संत परंपरा का आध्यात्मिक मार्ग भी दिया है। समर्थगुरु रामदास, संत तुकाराम महाराज से लेकर नामदेव तक, इन सभी ने महाराष्ट्र में भक्ति और अध्यात्म के मार्ग पर देश का नेतृत्व करने का काम किया है।
सामाजिक चेतना का तीसरा मार्ग भी यहीं से प्रारंभ हुआ। महात्मा फुले, सावित्रीबाई फुले, डॉ. महाराष्ट्र बाबासाहेब अांबेडकर जैसे सामाजिक चेतना के अनेक नेताओं की भूमि है। आज नानासाहेब और अप्पासाहेब ने इस सामाजिक चेतना को जगाने और आगे बढ़ाने का काम जारी रखा है।
- आज का क्षण हमारे लिए महत्वपूर्ण : डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार मिलने के बाद डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने कहा कि यह मेरे जीवन में सौभाग्य का क्षण है। यह पुरस्कार मेरे लिए बहुत बड़ा है। यह पुरस्कार का श्रेय हमारी संस्था से जुड़े लाखों की संख्या में सदस्य को जाता है.यह पुरस्कार हम उन्हें समर्पित कर रहे है।
गांव के लोगों ने अपने रीति-रिवाजों को बेहतर मोड़ दिया, काम शुरू किया। मानवतावाद सबसे अच्छा धर्म है, इन विचारों को हृदय में धारण करना चाहिए। यह कार्य अंतिम सांस तक जारी रहेगा। धर्माधिकारी ने कहा कि सभी को यह तय करना चाहिए कि देश, माता-पिता और समाज का ऋण चुकाने के लिए कौन सी सेवा की है। उन्होंने कहा की मंत्री बनकर नेता देश और समाज की सेवा कर रहे है.समाज सेवा ही श्रेष्ठ है। इसके लिए नानासाहेब धर्माधिकारी फाउंडेशन की स्थापना की।
इसके लिए सभी को कम से कम पांच पौधे लगाने चाहिए। इसके माध्यम से पौधरोपण का कार्य चल रहा है। हम देश के हर इंसान को स्वस्थ और सुखी जीवन जीने के लिए स्वास्थ्य शिविर लगा रहे हैं। थैलेसीमिया के मरीजों के लिए रक्तदान और रक्त की आपूर्ति भी एक समाज सेवा है। सभी को आज से यह सेवा शुरू करनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण का बड़ा कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इसके माध्यम से जल संचयन के कार्य में अपना योगदान दें। समाज सेवा के साथ-साथ हृदय की स्वच्छता जरूरी है और इसके लिए सभी को मन की सफाई करनी चाहिए। मन की स्थिरता प्राप्त करने के लिए हृदय से अशुद्धियों को दूर करना भी आवश्यक है। प्रत्येक मनुष्य अपने अंतर्मन का स्मरण करके कार्य करे तो ही महान शक्ति की प्राप्ति होगी।
- बड़ी संख्या में परिवारों को बचाने और उन्हें दिशा देने का काम किया: सीएम शिंदे
इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि धर्माधिकारी परिवार ने राज्य के कई पीढ़ियों को लोगों को दिशा देने का काम कर रहा है और घर-घर में ज्ञान की ज्योति जलाने में इस परिवार का अहम योगदान है। नानासाहेब, अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने उजड़े हुए परिवारों को फिर से बसाने का काम किया और अब सचिन दादा धर्माधिकारी इसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
शिंदे ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि ऐसे मौके पर मैं यहाँ उपस्थित हूं। अप्पासाहेब धर्माधिकारी के सामाजिक कार्यों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा िक अप्पासाहेब की ताकत यह है कि एक भी व्यक्ति जो यहां सुबह से धूप में बैठा है, वह नहीं उठता। हर सदस्य अनुशासन से काम करता है। इस स्थान पर, हम देखते हैं कि आध्यात्मिक शक्ति राजनीतिक शक्ति से बड़ी है।
यहीं पर राजनीतिक शक्ति जुड़ती है, आध्यात्मिक सत्ता से धन्य और प्रेरित होती है। इसका जीता जागता उदाहरण हम यहां देख हैं। यह भीड़ सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है और अगर रिकॉर्ड तोड़ना है तो श्री अप्पासाहेब के सदस्य ही तोड़ सकते हैं, मुख्यमंत्री ने बताया कि अप्पासाहेब ने पूरे परिवार को फिर से इस समाज की सेवा करने के लिए निर्देशित किया और इसलिए मैं आज आपके सामने मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक सदस्य के रूप में खड़ा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें अप्पासाहेब का बहुत बड़ा योगदान है।
शिंदे ने कहा कि नानासाहेब और अप्पासाहेब ने अंधविश्वास, नशामुक्ति दहेज जैसी अवांछनीय प्रथाओं को समाप्त करने का कार्य किया। हम सरकार के रूप में कार्य करते हुए अप्पासाहेब के विचारों पर अमल कर आमजन की सेवा करने का भी प्रयास कर रहे हैं।
अप्पासाहेब ने नशामुक्ति, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, स्वास्थ्य शिविर, जल संरक्षण, ग्राम स्वच्छता, शिक्षा, मार्गदर्शन जैसे सभी प्रकार से समाज का निर्माण किया है। अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने उसके लिए धर्माधिकारी प्रतिष्ठान मेरे लिए एक लैम्पपोस्ट की तरह महसूस करता है और उन्हें महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए महाराष्ट्र के सम्मान की भावना व्यक्त की।
- डॉ. धर्माधिकारी के पास मन को शुद्ध करने की अद्भुत कला: देवेंद्र फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दुनिया में सात अजूबे हैं। लेकिन इतनी बड़ी भीड़ दुनिया का आठवां अजूबा है। कोई भी इस परिवार और उपस्थित सदस्यों को देखकर समझ सकता है कि वास्तविक धन से बढ़कर क्या है। निरूपण से सकारात्मक सोच की ऊर्जा मिलती है। अप्पासाहेब धर्माधिकारी के पास मन को साफ करने की अद्भुत कला है।
उन्होंने कहा कि धर्माधिकारी परिवारों और फाउंडेशन द्वारा विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से किया गया कार्य महान है। उन्होंने वृक्षारोपण, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, नशामुक्ति, रक्तदान जैसे कई क्षेत्रों में महान कार्य किए हैं। उनके पास देश और विदेश में एक महान सामाजिक कार्य है। फणडवीस ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति महान है।
अप्पासाहेब के माध्यम से इस संस्कृति को आश्चर्यजनक रूप से संरक्षित और प्रचारित किया जा रहा है। सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मनुगंटीवार ने कहा कि अप्पासाहेब के भक्ति सागर के दर्शन का अवसर आज मिला। अप्पासाहेब धर्माधिकारी नाम का दुनिया का सबसे बड़ा चुम्बक आज इसी मंच पर है।
जैसे अप्पास्वरी निरूपण के माध्यम से मन को शुद्ध करते हैं, वैसे ही वे अपने आसपास के वातावरण को भी स्वच्छ रखते हैं। वृक्षारोपण कर जब पर्यावरण वन होता है तो करोड़ों पुरस्कार भी दिए जाएं, शब्द उनका महिमामंडन नहीं कर पाएंगे। सेवा कार्य देकर भविष्य निर्माण कर रहे अप्पासाहेब को सांस्कृतिक कार्य विभाग का पुरस्कार देते समय काफी प्रेरणा मिल रही है।
- पुरस्कार की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष को सौंपी
राज्य के विभिन्न हिस्सों से 20 लाख से अधिक सदस्यों की उपस्थिति में डॉ. अप्पासाहेब को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पुरस्कार एक प्रमाण पत्र, एक सम्मान बैज और पच्चीस लाख के चेक के रूप में है। डॉ. धर्माधिकारी ने पुरस्कार राशि पच्चीस लाख रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में सौंपी।
- हेलिकॉप्टर से की फूलों की वर्षा
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की ओर से हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की गई। इस अवसर पर बीस लाख से अधिक लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे। समारोह में आए लोगों के लिए पीने के पानी, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधाएं, पार्किंग सुविधाएं, सदस्यों के बैठने की व्यवस्था बनाई गई थी।
इस अवसर पर कार्यक्रम में सांस्कृतिक मंत्री सुधीर मुनंगटीवार,लोकनिर्माण मंत्री रविंद्र चव्हाण,सांसद श्रीकांत शिंदे,उद्योग मंत्री और जिले के पालक मंत्री उदय सामंत, शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर,उत्पादन शुल्क मंत्री शंभुराजे देसाई, विधायक प्रशांत ठाकुर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पत्नी लता शिंदे सहित शिवसेना और भाजपा के बड़ी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित थे।