जौनपुर: टाउन फंड के दौरान खींची गई शाहगंज नगरपालिका की सीमा | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
1988 में कांग्रेस के बाद से भाजपा का कब्जा, निर्दल को मिला था एक मौका
166 वर्षों में भी नहीं बढ़ी नगरपालिका क्षेत्र की सीमा
शाहगंज जौनपुर। टाउन फंड के दौरान खीची गई शाहगंज नगरपालिका की सीमा 166 वर्ष बाद भी नहीं बढ़ सकी है। सीमा विस्तार न होने की वजह से एक बड़ी आबादी नगर की सुविधाओं से वंचित है। 25 वार्डों वाले शाहगंज नगर पालिका परिषद का इतिहास रोमांचक रहा है। नगर पालिका का अंग्रेजी शाशन काल के दौरान वर्ष 1857 में नगर के विकास को आगे बढ़ाने की मंशा के लिए टाउन फंड का गठन किया गया था। वर्ष 1906 में नोटीफाईड एरिया और 1978 में नगरपालिका परिषद का दर्जा शाहगंज को प्राप्त हुआ। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि 1857 में टाउन फंड के दौरान खींची गई शाहगंज नगरपालिका की सीमा अभी तक नही बढ़ सकी। शुरु आती दौर में चुनाव पार्टी के सिंबल नही होते रहे। और नगर के कई संभ्रांतजनो को अध्यक्ष के पदों को शुसोभित किया। सिंबल से चुनाव की शुरु आत वर्ष 1988 में पहली बार सिंबल पर चुनाव हुआ तो कांग्रेस के उम्मीदवार राम प्रसाद अग्रहरी चेयरमैन बने। इसके बाद हुए चुनाव में भाजपा ने नगर में पैठ बढ़ाई और 1995 में जय प्रकाश गुप्ता ने कमल के चुनाव चिन्ह पर जीत हासिल की। अगले चुनाव में जय प्रकाश गुप्ता की पत्नी सुमन गुप्ता ने वर्ष 2000 में एक बार फिर भाजपा का परचम फहराया। भाजपा के जीत का यह क्रम 2006 में ओमप्रकाश जायसवाल ने भाजपा की टिकट पर जीत हासिल करके जारी रखा। लेकिन 2012 में हुई अगले चुनाव में सीट सामान्य हुई तो ओमप्रकाश जायसवाल को भाजपा से टिकट नही मिला और नीलम नंन्दन अग्रहरि पर पार्टी ने भरोसा जताया। इसबार भाजपा को तगड़ा झटका लगा। पार्टी मे भितर घात व बगावत की वजह से भाजपा पहले स्थान से खिसककर तीसरे नम्बर पर पहुंच गई। और जीत का सेहरा सपा समर्थित निर्दल उम्मीदवार जितेन्द्र सिंह के सिर पर सजा। लेकिन अगले चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े जितेन्द्र सिंह की पत्नी उषा देवी को ओमप्रकाश जायसवाल की भयोहू गीता जायसवाल ने पटखनी दे दी। भाजपा एक बार फिर से पालिका सीट पर काबिज हो गई। सपा व बसपा के लिए अभी तक चेयरमैन की कुर्सी दूर की कौड़ी साबित हुई है लेकिन अभी तक सीमा विस्तार न हो पाने की वजह से साफ-सफाई पानी जैसी मूल भूत सुविधाओं से एक बड़ी आबादी वंचित है। नगरपालिका की सीमा बमुश्किल 4 वर्ग किलोमीटर की है। नगर से सटे तमाम नई कालोनियां बसी है। सीमा विस्तार की बाट लोग जोह रहे हैं।
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