जौनपुर: पर्यावरण संरक्षण के लिए बच्चों को ट्रेनिंग | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- प्राथमिक विद्यालय ककोरगहना करंजाकला की अनोखी पहल
- शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को दिया जा रहा स्वच्छता संदेश : डॉ. रागिनी गुप्ता
जौनपुर. आज के दौर में लोग सरकारी शिक्षक बनने के लिए बहुत मेहनत करते है, इसके पीछे बहुतायत लोगों की मानसिकता है कि प्राथमिक विद्यालय आदि में सरकारी शिक्षक बन जाएंगे तो उन्हें बहुत मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और घर बैठे पैसे कमा सकेंगे. इन सबके इतर जौनपुर जिले में कुछ ऐसे प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक है जो अपने स्कूल को चमकाने में जुटे हैं.
इतना ही नहीं वह अपने प्राथमिक विद्यालय में इतनी मेहनत कर रहे है कि वह निजी स्कूलों को टक्कर देने में जुटे हुए हैं. एक ऐसा ही प्राथमिक विद्यालय है करंजाकला का, अभिनव प्राथमिक विद्यालय ककोरगहना करंजाकला की प्रधानाध्यापक अपने शिक्षकों व अन्य स्टाफ की सहायता से अपने विद्यालय को बहुत ही सुंदर और अच्छे माहौल में ढाल रही हैं. पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल करते हुए प्रधानाध्यापक डॉ. रागिनी गुप्ता ने शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता का भी संदेश दिया है.
- बच्चों को दी जा रही इको ब्रिक्स बनाने की ट्रेनिंग
बातचीत के दौरान डॉ. गुप्ता ने बताया कि बच्चों के अंदर पर्यावरण संरक्षण हेतु संस्कार विकसित हों इसके लिए प्लास्टिक की पन्नियों को बोतल में बंद करके इको ब्रिक्स बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है. पॉलिथीन को इधर-उधर फैलने से रोकने का संदेश दिया जाता है, जिससे कचरा न फैले, जल, मिट्टी और वातावरण प्रदूषित न हो.
स्वयं के साथ-साथ अपने घर-परिवार, आस-पड़ोस और समाज को भी स्वस्थ और स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें. पर्यावरण बचाने और पेड़-पौधे की देखभाल करने से जीव-जंतुओं को भी आश्रय मिलता है और संतुलन बना रहता है. उन्होंने बच्चों को शिक्षित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया. कहा कि पर्यावरण है तो हम हैं.
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