वाराणसी: मां शीतला का भजनों से किया गुणगान | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। माता शीतला को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को पूरी रात पूर्वांचल के कलाकारों ने पारंपरिक और आधुनिक भजनों का गायन किया। पांच दिनी संगीत समारोह की तीसरी निशा में शहनाई की मंगल ध्वनि से प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ। पं. दुर्गा प्रसन्ना व साथी कलाकारों ने देवी गीत और सोहर की धुन बजाई। मिर्जापुर के मनीष शर्मा ने कथक किया।
शिवस्तुति के बाद पारंपरिक कथक की प्रस्तुति की। देवी गीत पर भावनृत्य से समापन किया। हारमोनियम व गायन पर गौरव मिश्र, सितार पर पं ध्रुवनाथ मिश्र, तबले पर पारस मिश्र ने सहयोग किया। इसके बाद भजनों की बयार बही। सनी मिश्रा ने आवा हो शीतल भैया भोर हो गईल... मुगलसराय के ओम तिवारी ने पूछेली मलिनिया सातो रे बहिनिया... और शीतला मइया के चरणों में सिर हो मेरा..., मिर्जापुर के लोक गायक मटुक सिंह ने कण-कण में है बस तुम्हारा हे शीतला बनारसवाली... एवं अरे सुना है शीतला मैया..., कृष्ण कुमार तिवारी ने सातो बहिना शीतला तू ही दुर्गा मैया काली हो... की मनभावन प्रस्तुति की।
इनके अलावा अरुण सिंह, राकेश तिवारी, राजकुमार शास्त्री, सुधांशु शेखर, रंजना राय, सुमन अग्रहरी, रिचा शर्मा, पूजा मोदनवाल ने भी कर्णप्रिय भजन सुनाए। इन कलाकारों के साथ तबले पर हंसराज, बलराम मिश्र, गौरीश श्रीवास्तव, ढोलक पर बबलू मिश्रा व विशाल, बैंजो पर पप्पू, पैड पर साहिल ने संगत की। संचालन कन्हैया दुबे केडी ने किया।
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