नया सवेरा नेटवर्क
चुनाव की सरगर्मी के बीच चल रहा है दावतों का दौर
धनवर्षा की बदौलत कुछ प्रत्याशी वोट बटोरने के हैं फिराक में
हिम्मत बहादुर सिंह
जौनपुर। नगरपालिका परिषद एवं नगरपंचायत में अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशियों ने नामांकन प्रक्रिया पूरा करने के बाद अब कार्यालय खोलकर जनता को लुभाने का काम शुरू कर दिये हैं। सपा, बसपा, भाजपा, आप व कांग्रेस सहित अन्य दलों के प्रत्याशियों ने टोली बनाकर मुहल्ला मुहल्ला घूम रहे हैं। साथ ही यह आकलन कर रहे हैं कि किस दल के पार्टी का पलड़़ा भारी है उस पलड़े को कम करने के लिए हर हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। हलांकि अभी मतदान में एक सप्ताह से अधिक का समय है लेकिन सुबह से लेकर देर रात तक प्रत्याशियों और उनके समर्थकों का हलचल नगर से लेकर ग्रामीण इलाकों के नगरपंचायतों के क्षेत्रों में दिख रहा है। बताते चलें कि नगरपालिका परिषद जौनपुर में चार बार से बसपा प्रत्याशी माया टंडन के परिवार में यह सीट जा रही है। इस बार भी सीट पर कब्जा करने के लिए पूर्व पालिकाध्यक्ष हर हथकंडा अपना रहे हैं। इनके हथकंडे को रोकने के लिए सपा ने व्यापारी वर्ग से तालुक्कात रखने वाले प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है तो भाजपा ने मौर्य समाज की संख्या नगर में अच्छी खासी होने के कारण इस बार प्रत्याशी के चयन का रणनीति बदलकर सीट पर कब्जा जमाने के लिए बेताब दिख रही है। कई बार से चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही डॉ.चित्रलेखा सिंह सपा से टिकट न मिलने पर आम आदमी पार्टी का दामन पकड़कर चुनाव मैदान में उतर गई हैं। पिछड़ा वर्ग से तो चुनाव मैदान में कई प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं लेकिन समान्य वर्ग में सिर्फ आम आदमी पार्टी की डॉ.चित्रलेखा ही अकेले चुनाव मैदान में दिख रही हैं। ज्ञातव्य हो कि हर दल के प्रत्याशी एक दूसरे को शिकस्त देकर जीत का परचम लहराने के लिए हर हथकंडे अपना रहे हैं। धन वर्षा के बदौलत वोट बटोरने वालों पर जिला प्रशासन की भी पैनी निगाहें हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ ऐसे प्रत्याशी हैं जो इस समय धीमी गति से भले चल रहे हों लेकिन जैसे जैसे मतदान की बेला नजदीक आयेगी वैसे वैसे उनके तेवर बदलते नजर आयेगें। जनता भी यह जानती है कि ऐसे प्रत्याशी का चयन किया जाये जिसकी समाज में पकड़ हो और वह बेहतर विकास कर सके। हलांकि इस समय तो हर प्रत्याशी अपने अपने नगरपालिका परिषद एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाने का दावा करने से नहीं चूक रहे हैं। फिलहाल नगरपालिका चुनाव को लेकर दावतों का दौर भी जोरों पर है। कहीं नानवेज का इंतजाम है तो कंही वेज की व्यवस्था है। इन्हीं भोजों में जुटने पर वहीं पर जीत और हार की रणनीति भी बनाई जा रही है।
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