नया सवेरा नेटवर्क
15 से अधिक उच्च स्तरीय शोध पत्र भी हो चुके हैं प्रकाशित
जौनपुर। प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय शिक्षा जगत में एक समृद्ध शाली स्थान रखते हैं। प्रोफेसर पांडेय की प्रारंभिक शिक्षा- दीक्षा जिले में एवं उच्च शिक्षा काशी हिंदू वि·िाद्यालय बनारस से हुई उन्होंने स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में ही यूजीसी की प्रतिष्ठित नेट की परीक्षा 1992 में संस्कृत विषय से उत्तीर्ण की साथ ही प्रो पांडेय ने स्नातकोत्तर के प्रथम वर्ष में ही यूजीसी नेट /जेआरएफ संस्कृत के पाठ्यक्रम पर आधारित पुस्तक की भी रचना कर डाली। प्रोफेसर पांडेय ने जेआरएफ की परीक्षा भी दिसंबर 1993 में उत्तीर्ण कर ली। प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय की पुस्तक उपकार प्रकाशन से प्रकाशित हुई जिसका अध्ययन कर अनिगनत छात्रों ने संस्कृत विषय से यूजीसी नेट और जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण की है। प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय की अभी तक 45 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है एवं उनके 15 से अधिक उच्च स्तरीय शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं। प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय के पूर्वांचल वि·िाद्यालय के कार्यपरिषद के सदस्य नामित किए जाने पर पूर्वांचल वि·िाद्यालय के कला संकाय के डीन प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय के शैक्षणिक रूप से समृद्धशाली व्यक्तित्व का लाभ पूरे वि·िाद्यालय को मिलेगा,साथ ही उन्होंने इस चयन के लिए पूर्वांचल वि·िाद्यालय की कुलपति का भी आभार ज्ञापित किया। प्रोफेसर मिथिलेश पांडेय को कार्यपरिषद सदस्य नामित किए जाने पर डॉ विजय प्रताप सिंह, डॉ प्रशांत सिंह,उपेंद्र कुमार सिंह,डॉ इंद्रजीत सिंह, डॉ नीरज दूबे, डॉ दिलीप सिंह डॉ अमित गुप्ता, डॉ मंजूलिका यादव, डॉ राकेश चौधरी, डॉ तेजप्रताप सिंह, बिटर भैया, डॉ विनोद कुमार सिंह, डॉ अजय सिंह,डॉ अरु ण कुमार पटेल, डॉ विजय बहादुर यादव, रवि सिंह हुड्डा, डॉ दिनेश राय आदि प्राध्यापकों ने बधाई दी।
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