मुंबई: महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार समारोह संपन्न | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी ने 23 मार्च को मुंबई के बांद्रा पश्चिम स्थित रंग शारदा सभागार में आयोजित भव्य समारोह में हिंदी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले अनेक विद्वानों, कलाकारों और विभूतियों को पुरस्कृत किया, जिनमें सशक्त अभिनेता आशुतोष राणा एवं सुप्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा भी शामिल हैं। इस अवसर पर अनूप जलोटा ने अपना सुप्रसिद्ध ऐसी लागी लगन भजन सुनाकर और आशुतोष राणा ने अपनी ओजस्वी वाणी में राष्ट्र कवि स्व. रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी रचना रश्मिरथी के कुछ छंद सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग के अंतर्गत कार्यरत महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी द्वारा अखिल भारतीय जीवन गौरव, डॉ राममनोहर त्रिपाठी जीवन गौरव, 8 राज्यस्तरीय जीवन गौरव तथा हिंदी साहित्य की विविध विधाओं के कुल 123 पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ चित्रा मुद्गल, डॉ विकास दवे, डॉ कन्हैया सिंह, डॉ अनिल मिश्र, श्री आशुतोष राणा और श्रीधर पराडकर को अखिल भारतीय जीवन गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। राज्य स्तरीय जीवन गौरव पुरस्कार मशहूर गायक अनूप जलोटा, वरिष्ठ पत्रकार सुंदर चंद ठाकुर एवं ओमप्रकाश तिवारी, वरिष्ठ अभिनेता मनोज जोशी, डॉ गणेशराज सोनाले, डॉ सुलभा कोरे, वरिष्ठ पत्रकार अभिमन्यु शितोले एवं नीरज दवे और डॉ. विजय कुमार शर्मा सहित 24 हिंदी सेवियों को दिया गया। अखिल भारतीय जीवन गौरव के लिए 1 लाख रु. की राशि के साथ स्मृति चिह्न, शाॅल एवं श्रीफल तथा राज्य स्तरीय हेतु 51 हजार रु. की राशि, स्मृति चिह्न, शाॅल एवं श्रीफल दिये गये। इसी प्रकार विधा पुरस्कार के रूप में स्वर्ण -35हजार, रजत-21हजार और कांस्य-11 हजार रु. राशि के साथ प्रत्येक को स्मृति चिह्न, शाॅल एवं श्रीफल देकर पुरस्कृत किया गया। यह समारोह स्थानीय विधायक आशीष शेलार, विधायक राजहंस सिंह, प्रसिद्ध अभिनेता आशुतोष राणा, मनोज जोशी, अनूप जलोटा सहित वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकारों, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के विभिन्न सदस्यों, पत्रकारों, कलाकारों तथा बड़ी संख्या में हिंदी प्रेमियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। उल्लेखनीय है कि सांस्कृतिक कार्य विभाग महाराष्ट्र सरकार का यह घोष वाक्य है कि साहित्य राज्याश्रित न होकर राज्य पुरस्कृत होना चाहिए। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी इसे मंत्र स्वरूप मानते हुए सम्पूर्ण पारदर्शिता के साथ प्रति वर्ष चयनित साहित्यकारों को सम्मानित करती है। यह समारोह पूरी गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ और सभी के लिए यादगार बन गया।