मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन इंडिया | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लस वूमेन रिसोर्से इक्वलटू विकसित हेल्थ और वैलनेस इकोसिस्टम
- भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में पूरी दुनियां का विश्वास हासिल करने हेल्थ केयर एप्रोच से एक कदम आगे वैलनेस की ओर बढ़ा - एडवोकेट किशन भावनानी
गोंदिया- वैश्विक स्तरपर कोरोना महामारी ने जहां पूर्ण विकसित देशों की स्वास्थ्य सेवाओं को अपने आगे बौना कर दिया था, वही कुछ देशों नें स्वास्थ्य आपदा में भी मानवीय भलाई में सकारात्मक अवसर भी ढूंढे! पूरी दुनिया में कोरोना ने विकसित देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त होते दिखाया और सिखाया भी कि मानव जीवन स्वास्थ्य निरोगी रखने और महामारी से लड़ने हेतु हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत है। याने हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लस ह्यूमन रिसोर्से इक्वल टू विकसित हेल्थ और वैलनेस इकोसिस्टम! और भारत इस राह की ओर तेजी से चल पड़ा है, जिसने आपदा में अवसरों की एक लंबी छलांग लगाते हुए दो सव करोड़ से अधिक टीके लगा दिए हैं वही अपने स्वास्थ्य सेवाओं इन्फ्रास्ट्रक्चर ह्यूमन रिसोर्से को बढ़ाते हुए एक मिसाल कायम कर रहा है जिससे पूरी दुनिया का विश्वास हासिल करके मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन इंडिया हब बनाने की ओर चल पड़ा है, ताकि दुनिया में जिस बीमारी का इलाज होने में कठिनाई होती है वह भारत में आकर इलाज कराए जिससे यहां नए वित्तीय मार्ग, रोजगार, सेवा, प्रतिष्ठा सहित अनेक क्षेत्रों में समृद्धि हो और विश्व गुरु बनने के एक और पहिए पर अपनी पकड़ मज़बूत बनाकर विज़न 2047 के पूर्व ही अपनी उपलब्धि हासिल कर ले। चूंकि दिनांक 6 फ़रवरी 2023 को बजट 2023 उपरांत 12 वेबनारों में से यह 9 वा वेबीनार आयोजित हुआ और माननीय पीएम ने संबोधित किया इसलिए आज हम पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन इंडिया।
साथियों बात अगर हम मानवीय स्वास्थ्य की देखभाल की करें तो मेरी जानकारी में अनेक वर्षों में यह पहली बार आया है कि पीएम द्वारा 6 मार्च 2023 को आने वाली गर्मियों में भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए अपने निवास स्थान पर आगामी ग्रीष्मऋतु में गर्म मौसम के प्रति तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्चतम स्तरीय बैठक आयोजित कर भारत के हर क्षेत्र के नागरिकों किसानों गरीबों के लिए बनाए गए प्रारूपों की समीक्षा कर सभी आपदाओं द्वारा मॉक ड्रिल, जलाशयों पर नजर,खाद्य निगम मौसम, पूर्वानुमान, फायर ऑडिट और आपदा प्रबंधन टीमों सहित पूरी जानकारी लेकर कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए याने हमारे पीएम की हमारे स्वास्थ्य के प्रति सक्रियता और चिंता का जीता जागता उदाहरण है।
साथियों बात अगर हम बजट उपरांत विभिन्न नौवें सत्र की थीम स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान में पीएम के संबोधन की करें तो, उन्होंने गंभीर रोगों के इलाज के लिये मजबूत स्वास्थ्य अवसंरचना के महत्त्व को रेखांकित किया। सरकार की प्रमुख प्राथमिकता को रेखांकित करते हुये बताया कि देशभर में घरों के निकट 1.5 लाख से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों को विकसित किया जा रहा है, ताकि जांच केंद्र और प्राथमिक उपचार उपलब्ध हो सके। मधुमेह, कैंसर और हृदय सम्बंधी रोगों जैसे गंभीर मामलों की स्क्रीनिंग की सुविधायें भी इन केंद्रों में उपलब्ध होगी। और रेखांकित किया कि पीएम-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत गंभीर स्वास्थ्य अवसंरचना छोटे शहरों और गांवों तक पहुंचाई जा रही है, जिससे न केवल नये अस्पतालों की वृद्धि हो रही है, बल्कि एक नई और सम्पूर्ण स्वास्थ्य इको-प्रणाली भी तैयार हो रही है, इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य उद्यमियों, निवेशकों और कार्य-व्यावसायिकों के लिये अनेक अवसर बनाये जा रहे हैं।आधुनिक चिकित्सा अवसंरचना से चिकित्सा मानव संसाधनों के विषय में सरकार द्वारा किये जाने वाले प्रयासों को रेखांकित किया और कहा कि अपने नागरिकों के लिये नई क्षमताएं केवल स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका लक्ष्य भारत को दुनिया का सबसे आकर्षक चिकित्सा पर्यटक गंतव्य भी बनाना है। चिकित्सा पर्यटन भारत का विशाल सेक्टर है और वह देश में रोजगार सृजन के लिये एक विशाल माध्यम बनता जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकसित स्वास्थ्य और आरोग्य इको-प्रणाली केवल भारत में सबके प्रयास से ही तैयार हो सकती है।उन्होंने सभी हितधारकों से अनुरोध किया कि वे इसके लिये अपने अमूल्य सुझाव दें। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा,हमें ठोस रोड-मैप के साथ तयशुदा लक्ष्यों के लिये समय के भीतर बजट प्रावधानों को क्रियान्वित करने में सक्षम होना होगा। अगले बजट के पहले सभी सपनों को साकार करतेहुये सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने के लिये आपके अनुभवों की जरूरत होगी। महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला के बारे में मिले सबक को दोहराया और कहा कि यह चिंता का बड़ा कारण बन गया है, इस सच्चाई पर अफसोस प्रकट किया कि दवा, टीके और मेडिकल उपकरणों जैसे प्राणरक्षक उपाय उसी समय मोर्चे पर लगाये गये, जब महामारी अपने चरम पर थी उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले बजट में सरकार ने लगातार कोशिश की कि दूसरे देशों पर भारत की निर्भरता कम हो। उन्होंने इस मामले में सभी हितधारकों की भूमिका पर जोर दिया। स्वास्थ्य सुविधा को कोविड-पूर्व और कोविड-उपरांत महामारी परिदृश्य में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी ने समृद्ध देशों तक की परीक्षा ली है। महामारी के कारण पूरी दुनिया का ध्यान स्वास्थ्य पर गया, इसी क्रम में भारत ने एक कदम आगे बढ़ाते हुये आरोग्य पर अपना ध्यान लगाया,इसीलिये हमने दुनिया के सामने – एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य कीपरिकल्पना रखी है। इसमें सभी प्राणियों, मानव, पशु या पौधे सबके लिये समग्र स्वास्थ्य सम्मिलित है। आज फार्मा सेक्टर का बाजार आकार चार लाख करोड़ रुपये का है, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निजी सेक्टर और अकादमिक जगत के बीच उचित तालमेल की जरूरत है, क्योंकि उसके पास इस बाजार को 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक बढ़ाने की क्षमता है। उन्होंने सुझाव दिया कि फार्मा सेक्टर को निवेश के अहम क्षेत्रों की पहचान करें। इस सेक्टर में अनुसंधान को बढ़ाने के लिये सरकार द्वारा उठाये जाने वाले अनेक कदमों को रेखांकित करते हुये बताया कि आईसीएमआर द्वारा अनेक प्रयोगशालाओं को अनुसंधान उद्योग के लिये खोल दिया गया है। पिछले कुछ वर्षो में कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं। बल्क ड्रग पार्क की बात हो, मेडिकल डिवाइस पार्क की व्यवस्था विकसित करने की बात हो, पीएलआई जैसी योजनाओं पर 30 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया गया है। मेडिकल डिवाइस सेक्टर में पिछले कुछ वर्षो में 12 से 14 परसेंट की रेट से ग्रोथ भी हो रही है। आने वाले 2-3 वर्षों में ये मार्केट, 4 लाख करोड़ तक पहुंचने वाला है। हमने भविष्य की मेडिकल टेक्नोलॉजी हाई एंड मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च के लिए स्किल्ड मैनपॉवर पर काम शुरू कर दिया हैआईआईटी और दूसरी संस्थाओं में मेडिकल उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग की ट्रेनिंग के लिए, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग या उसके जैसे दूसरे कोर्सेस भी चलाए जाएंगे। इसमें भी प्राइवेट सेक्टर की अधिक भागीदारी कैसे हो, इंडस्ट्री,एकेडमी और सरकार इन सबके बीच अधिक से अधिक तालमेल कैसे हो और इस पर हमें मिलकर के काम करना है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे वरुण का अध्ययन कर उसकाविश्लेषण करें तो हम पाएंगे के मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन इंडिया।इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लस वूमेन रिसोर्से इक्वलटू विकसित हेल्थ और वैलनेस इकोसिस्टम भारतस्वास्थ्य क्षेत्र में पूरी दुनियां का विश्वास हासिल करने हेल्थ केयर एप्रोच से एक कदम आगे वैलनेस की ओर बढ़ा।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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