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हड़ताल पर बैठे विद्युत कर्मचारी सभा करते हुए। |
नया सवेरा नेटवर्क
शहर के कई मुहल्ले भी प्रभावित, पानी की भी बनी किल्लत
जौनपुर। जिले के विद्युत कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है। हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्र तो पूरी तरह अंधेरे में डूब गये हैं जबििक शहरी क्षेत्र भी काफी प्रभावित देखा जा रहा है। बता दें कि गुरूवार की रात 10 बजे से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले समस्त कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, सहायक अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता एवं निविदा कर्मी पूर्णत: हड़ताल पर चले गये है। पांचवे दिन शुक्रवार को 132 केवी अधीक्षण अभियन्ता कार्यालय के परिसर में प्रात: 10 बजे से 5 बजे तक ई. धर्मेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में कार्य बहिष्कार हुआ, जिसमें जनपद के ऊर्जा क्षेत्र के सभी कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, सहायक अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता एवं निविदा कर्मियों ने भारी संख्या में भाग लिया। ऊर्जा मंत्री एवं प्रबन्धन की हठवादिता के कारण विद्युत कर्मचारियों में व्यापक रोष व्याप्त है। सभा को निखिलेश सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा प्रबन्धन का अड़यिल रवैया तथा कर्मचारी विरोधी होने के कारण समस्त कर्मचारी भयमुक्त होकर जनहित में कार्य नहीं कर पा रहे है, हमारी लड़ाई विद्युत विभाग को निजी हाथों में बेचने से बचाने एवं जनता को सस्ती बिजली दिलाने की है। सभा में ई. पकंज जायसवाल, अनिल पटेल, गौरव सिंह, हरिकेष सिंह, विपुल सिंह, जितेन्द, चंचल तिवारी, कमलेश आदि ने अपने विचार व्यक्त किये तथा कहा गया कि सरकार कर्मचारी की मांग नहीं सुन रहीं है तथा कारपोरेशन के चेयरमैन अपनी हठवादिता के कारण कर्मचारियों का निरन्तर शोषण कर रहे है, जो अब स्वीकार्य नहीं है। वक्ताओं द्वारा यह भी कहा गया कि प्रबन्धन अब चाहे कितना भी हमें प्रताडि़त करें हमे गिरफ्तार करें या दमन करें हम कर्मचारी जनहित में अब नहीं झुकेंगे और यह आन्दोलन तब तक चलेगा जब तक हमारी मांगे मान नहीं ली जाती है। सभा में ई अशोक कुमार सिंह, ई धर्मेन्द्र मौर्या, ई अनीश कुमार यादव, ई संजय लाल प्रजापति, ई आतिश यादव, ई गुलाब चन्द राम, संजय यादव, अ·ानी श्रीवास्तव, विश्राम मौर्या, निधि श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, जितेन्द्र, संजय लाल प्रजापति, अमित खरे, सागर श्रीवास्वत, प्रभात पाण्डेय, संजय श्रीवास्तव, रविन्द्र सिंह, श्री कामता यादव, गिरीश यादव, अरविन्द मिश्रा, कमलाकान्त मिश्रा, लक्ष्मीकांत वि·ाकर्मा, विजय चौहान, विजय यादव, प्रीतम श्रीवास्तव, संतराम एवं भारी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी एवं निविदाकर्मी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक निखिलेश सिंह द्वारा किया गया।
चंदवक संवाददाता के अनुसार विद्युत कर्मियों के प्रदेशव्यापी हड़ताल से पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब गया है जिसके कारण पेयजल की समस्या के अलावा रात में सोने के दौरान गर्मी के कारण लोग बिलबिला उठे। क्षेत्र में चंदवक, कसिली व बजरंगनगर फीडर से विद्युत आपूर्ति की जाती है। इन फीडरों पर तैनात विद्युतकर्मी प्रदेशव्यापी प्रस्तावित रात दस बजे से 72 घंटे की हड़ताल से पहले 6 बजे ही आपूर्ति बंद कर चले गए जिसके कारण लोगों को और भी परेशानी झेलनी पड़ी।
खुटहन संवाददाता के अनुसार विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उपकेंद्र से आच्छादित पांचों फीडरो की आपूर्ति गुरु वार की रात दस बजे से ठप पड़ गई है। जिसके चलते विकास खंड के सेवित तीन सौ से अधिक राजस्व गांवों के हजारों कनेक्शन धारियों को तमाम फजीहते झेलनी पड़ी। बगैर बिजली के पहली ही रात गुजारना ग्रामीणों के लिए भारी पड़ गया। दूसरे दिन शुक्रवार की शाम तक ग्रामीण, आपूर्ति का इंतजार करते रह गये। मौसम सामान्य रहने के चलते भले ही वे उमस और गर्मी से बचे रहें, लेकिन अधिकांश परिवार मच्छरों के प्रकोप से रतजगा को विवश रहे। कुछ आर्थिक दृष्टि से समृद्ध परिवारों के घर इन्वर्टर की ब्यवस्था है। पहला दिन तो किसी ढंग से पार कर लिए। हड़ताल आगे बढ़ी तो वे भी इस मुसीबत से बच नहीं सकते। उपकेंद्र से संचालित नगवां फीडर, पट्टी नरेन्द्रपुर, शेरपुर, रसूलपुर,और कपसिया फीडर की बिजली रात के दस बजे अचानक कट गई। पूरी रात और दूसरे दिन भी बिजली न आने से ग्रामीण परेशान रहे। घरों में पानी और खेतों की सिंचाई भी नहीं हो पा रही है। लोग अपना मोबाइल चार्ज करने के लिए इधर उधर भागते रहे।
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