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श्रीमद् भागवत कथा सुनाते आचार्य शिवनारायण मिश्रा। |
नया सवेरा नेटवर्क
शाहगंज जौनपुर। बीबीगंज चौकी क्षेत्र के मदरहाँ ग्रामसभा के मुजफ्फरपुर गाँव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर भंडारे का आयोजन किया गया। जो देर रात तक चलता रहा। हजारों की संख्या में आये श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। प्रतापगढ़ से आये कथाव्यास आचार्य शिव नारायण मिश्रा ने सात दिन तक चली इस कथा में भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगों से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कर्म करने को कहा। उन्होंने कहा कि हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। श्रीमद् भागवत कथा से जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दशर््ान। जिसे हम सब प्रसाद कहते हैं। हर कथा या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन बुद्धि व चित को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। जीवन में प्रसाद का अपमान करने से भगवान का ही अपमान होता है। भगवान को लगाए गए भोग का बचा हुआ शेष भाग मनुष्यों के लिए प्रसाद बन जाता है। कथा समापन के बाद विधि-विधान से पूजा व हवन कराया गया। हवन-पूजन के बाद दोपहर को शुरू हुआ भंडारा देर रात तक चलता रहा। इस अवसर पर राधाकृष्ण दुबे, जयंती प्रसाद दुबे, राधेश्याम दुबे, घनश्याम दुबे, धीरज दुबे, डीएम दुबे, प्रशांत दुबे, सूरज दुबे, विनीत दुबे, शुभम दुबे, अभिषेक सैनी, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहें।
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