अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की घोषणा
मुंबई। वरिष्ठ समाजसेवी और प्रवचनकार अप्पासाहेब धर्माधिकारी को वर्ष 2022 के महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को की। महाराष्ट्र भूषण चयन समिति की सिफारिश पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मोहर लगाई और रेवदंडा में अप्पासाहेब से मुलाकात की। 14 मई 1946 को जन्मे पद्मश्री आप्पा साहेब धर्माधिकारी पिछले 30 साल से प्रवचन के जरिए अंधश्रद्धा निर्मूलन और बच्चों में संस्कार पैदा करने के लिए विशेष बाल संस्कार बैठक शुरू की तथा आदिवासी बस्तियों में नशा मुक्ति का बहुत बड़ा काम किया।
डॉ. नानासाहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान की तरफ से अनेक प्रकार की सामाजिक गतिविधियों का संचालन किया जाता है। हाल के दिनों में संस्था ने सर्वाधिक पौधरोपण किया। इसके अलावा, वृक्ष संरक्षण, झील और स्वच्छता अभियान, रक्तदान शिविर भी नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। प्रतिष्ठान ने गणेशोत्सव और नवरात्रि पर्व के बाद निर्माल्य से खाद बनाकर समाज को पर्यावरण हितैषी संदेश भी दिया है। अप्पासाहेब धर्माधिकारी को स्वच्छता दूत के नाम से भी जाना जाता है।
रायगड जिले के रेवदंडा में आप्पा साहेब की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पूरी हुई। बचपन से ही उन्हें कीर्तन, भजन, आध्यात्मिक साहित्य पढ़ने का शौक था। इसके अलावा उन्हें आउटडोर स्पोर्ट्स और स्विमिंग का भी बहुत शौक था। अप्पासाहेब ने जमीनी स्तर पर हर इंसान के लिए समाज की सेवा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। इस काम की शुरुआत उनके पिता डॉ. नानासाहेब धर्माधिकारी ने 1943 ने की थी। आज अप्पासाहेब धर्माधिकारी उसी कार्य को उसी जोश और तत्परता से पूरी दुनिया में पहुंचाने के लिए कर रहे हैं।
- 1996 में शुरू हुआ था महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की शुरुआत 1996 में हुई थी। यह महाराष्ट्र सरकार का सबसे बड़ा पुरस्कार है। सबसे पहले यह पुरस्कार साहित्यकार पुल देशपांडे को दिया गया है। इसके बाद 1997 में यह पुरस्कार लता मंगेशकर को दिया गया। अभी तक यह पुरस्कार विजय भटकर, सुनील गावस्कर, भीमसेन जोशी, अभय भंग और रानी बंग, बाबा आमटे, रघुनाथ माशेलकर, रतन टाटा, नाना साहेब धर्माधिकारी, मंगेश पाडगांवकर, सुलोचना लाटकर, जयंत नार्लीकर, अनिल काकोडकर, बाबा साहेब पुरंदरे, राम सुतार और आशा भोसले को प्रदान किया जा चुका है। अभी हॉल ही में महाराष्ट्र सरकार ने पुरस्कार की राशि बढ़ाकर 25 लाख रुपए की है।