आओ युवाओं को कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करें| #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

  • कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी की सोचनीय स्थिति को रेखांकित करना ज़रूरी 
  • वर्तमान डिजिटल टेक्नोलॉजी, कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप नवाचार और बजट 2023-24 में कृषि क्षेत्र की अपार संभावनाओंं को गहराई से समझना समय की मांग - एडवोकेट किशन भावनानी 

गोंदिया- वैश्विक स्तरपर हर क्षेत्र की भारतीय प्रौद्योगिकी की चर्चाएं दुनियां भर में हो रही है तथा दुनियां के देशों को दिशानिर्देशन मार्गदर्शन करने के लिए आज भारत की जरूरत पड़ गई है। यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारत में 24-25 फ़रवरी 2023 को हुए एक समिट में ब्रिटेन की पूर्व पीएम जो कुछ माह पूर्व ही पदत्याग हुई थी उन्होंने भी, दुनिया में भारत के बढ़ते कद पर बोलते हुए  कहा, आज भारत उस स्तरपर आ पहुंचा है जिसकी आवाज पूरी दुनिया सुनती है. हम (ब्रिटेन) अपने भविष्य के लिए सबसे बड़ी उम्मीद भारत में देखते हैं। उन्होंने कहा, भारत वो देश है जो तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक ऐसा देश जो काम करने की क्षमता में हर समय अपने आप में सुधार लाकर आगे बढ़ रहा है उन्होंने कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा, हमें (ब्रिटेन) को भारत से सीखने की जरूरत है। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत दुनिया की बड़ी ताकत बन गया है और इसकी आर्थिक ग्रोथ को देख ब्रिटेन ईर्ष्या भी करता है (ये बात उन्होंने मुस्कुराते हुए कही)।उन्होंने कहा, ब्रिटेन के कार्पोरेट में भारतीय कंपनियां सबसे बड़ी इन्वेस्टर हैं। ये कंपनियां दवा से लेकर स्टील, इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्ट कर रही हैं। चूंकि हमारे युवाओं को कृषि क्षेत्र में मिल रही सुविधाओं कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप और बजट में भी सुविधाओं को बारीकी से समझना है, इसलिए 24 फरवरी 2023 को माननीय पीएम द्वारा 12 वेबीनारों में से दूसरे वेबीनार कृषि एवं सहकारिता विषय पर बजट 2023-24 में अपार संभावनाओं को बारीकी से समझाया है,इसलिए आज हम पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, वर्तमान डिजिटल टेक्नोलॉजी कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप नवाचार और बजट में कृषि क्षेत्र की अपार संभावनाओं को गहराई से समझना समय की मांग है।साथियों बात अगर हम बजट 2023 में कृषि क्षेत्र को दिए गए 8 एलोकेशन की करें तो, (1) 20 लाख क्रेडिट कार्ड : केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए ऋण का दायरा बढ़ा दिया है। इस साल 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण बांटने का लक्ष्य रखा गया है। इससे लाखों किसानों को फायदा होगा। (2) किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर- किसानों के लिए अब किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी। (3) एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा- केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू करवाने पर फोकस किया है। कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा जिसे कृषि निधि का नाम दिया गया है। इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी। (4) मोटे अनाज को बढ़ावा-सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से योजना की शुरुआत की है। इसे श्री अन्न योजना नाम दिया गया है। इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जाएगा। (5) बागवानी के लिए क्या?-सरकार ने इस बार बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है। इसके जरिए बागवानी को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है। (6) मछली पालन को भी मिलेगा बढ़ावा-केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6 हज़ार करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। इसके जरिए मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देना है।(7) सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना-2,516 करोड़ रुपये के निवेश से 63, हज़ार प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है; इनके लिए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, इसके साथ बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी, इससे किसानों को अपनी उपज को स्टोर करने और अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सरकार अगले 5 वर्षों में वंचित गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करेगी।(8) प्राकृतिक खेती के लिए सरकार द्वारा मदद-सरकार, अगले 3 वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद मुहैया कराएगी। देश में 10, हज़ार जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। 

साथियों बात अगर हम पीएम द्वारा 24 फ़रवरी 2023 को कृषि व सहकारिता वेबीनार को संबोधन की करें तो उन्होंने कहा, कि जब तक हम कृषि क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों को दूर नहीं कर लेते, संपूर्ण विकास का लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता। आज भारत के कई सेक्टर्स तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हमारे ऊर्जावान युवा बढ़-चढ़कर उसमें हिस्सा भी ले रहे हैं, लेकिन कृषि में उनकी भागीदारी कम है, जबकि वो भी इसके महत्व व इसमें आगे बढ़ने की संभावनाओं के बारे में जानते हैं। निजी नवाचार व निवेश की गैप्स भरने के लिए इस साल के बजट में कई तरह के ऐलान किए गए हैं। उदाहरण के लिए, कृषि क्षेत्र में ओपन सोर्स बेस्ड प्लेटफॉर्म को बढ़ावा। हमने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म की तरह सामने रखा है। ये बिल्कुल उसी तरह है जैसे यूपीआई का ओपन प्लेटफॉर्म, जिसके जरिए आज डिजिटल ट्रांजैक्शन हो रहा है। आज जैसे डिजिटल ट्रांजैक्शन में क्रांति हो रही है, उसी तरह एग्री-टेक डोमेन में भी इन्वेस्टमेंट व इनोवेशन की अपार संभावनाएं बन रही हैं। इसमें संभावना है लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाने की, इसमें अवसर है बड़े बाजार तक पहुंच को आसान बनाने का, इसमें मौका है टेक्नोलॉजी के जरिए ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने का, साथ ही सही सलाह, सही व्यक्ति तक समय से पहुंचाने की दिशा में हमारे युवा काम कर सकते हैं। जिस तरह से मेडिकल सेक्टर में लैब काम करते हैं, उसी तरह से निजी मृदा परीक्षण लैब्स स्थापित किए जा सकते हैं। हमारे युवा अपने इनोवेशन से सरकार व किसान के बीच सूचना के सेतु बन सकते हैं। वो ये बता सकते हैं कि कौन-सी फसल ज्यादा मुनाफा दे सकती है। वो फसल के बारे में अनुमान लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। वो पॉलिसी मेकिंग में मदद कर सकते हैं। किसी जगह पर मौसम में आ रहे बदलावों की रियल टाइम इंफार्मेशन भी उपलब्ध करा सकते हैं। युवाओं के लिए इस सेक्टर में करने के लिए बहुत कुछ है, जिसमें सक्रिय भागीदारी करके वो किसानों की मदद करेंगे, साथ ही उन्हें भी आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। वेबिनार में कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, एग्री-टेक स्टार्टअप के लिए त्वरक कोष, आत्मनिर्भर बागवानी स्वच्छ पादप कार्यक्रम, 'श्रीअन्न' के लिए भारत को ग्लोबल हब बनाना, सहकार से समृद्धि एवं मूल्य श्रृंखलादक्षताओं को मजबूत करना, मत्स्य पालन क्षेत्र में बाजारों का विस्तार करना विषय पर विशेषज्ञों वअधिकारियों ने विचार रखें। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि आओ युवाओं को कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहित करें। कृषि क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी की सोचनीय स्थिति को रेखांकित करना ज़रूरी।वर्तमान डिजिटल टेक्नोलॉजी कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप नवाचार और बजट 2023-24 में कृषि क्षेत्र की अपार संभावनाओं को गहराई से समझना समय की मांग है। 


-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


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