जौनपुर: इंसान हर क्षेत्र में सूझबूझ व हिक्मत का दे परिचय:हमीदुल हसन | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
स्व.महमूदुल हसन खां की मजलिसे बरसी का हुआ आयोजन
जौनपुर। मंगलवार को जामिया ईमानिया नासिरया में जामिया ईमानिया नासिरया के पूर्व प्रधानाचार्य एवं पूर्व इमामे जुमा शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ आयतुल्ला मौलाना महमूदुल हसन खां मरहूम की बरसी के मौके पर ईसाले सवाब के लिए आयोजित मजलिसे तरहीम में जामिया नाज़मिया लखनऊ के पूर्व प्रधानाचार्य आयतुल्ला मौलाना सैय्यद हमीदुल हसन तक़्वी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हर इन्सान को जि़न्दगी में सूझबूझ और हिक्मत से काम लेना चाहिए एक कामयाब इन्सान वही है जो मामेलात में खरा हो । हिन्दोस्तान के शिया उल्मा का जि़क्र करते हुए कहा कि हमारे उल्मा का सम्मान इराक़ और ईरान के उल्मा की निगाह में आज भी बहुत है इसलिए हम में किसी तरह का एहसासे कमतरी का शिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी इस्लाम का एक ऐसा प्रचार तंत्र है जो हमेशा इस्लाम और पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद (स.अ.व) और अहलेबैत (अ.स) के दुश्मनों के मन्सूबों को परास्त करता रहता है। इसलिए अज़ादारी की हिफाज़त कीजिए। उन्होंने आयतुल्ला मौलाना महमूदुल हसन खां मरहूम और उनके पिता मौलाना बख्तावर अली खान मरहूम को याद करते हुए कहा कि ये दोनों भी उल्मा की जमात उसी कड़ी का हिस्सा हैं जिन्होंने दीने इस्लाम की तबलीग़ और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी की हिफाज़त में अपनी पूरी जि़ंदगी लगा दी। मजलिस में आयतुल्ला मौलाना सैयद हमीदुल हसन ने हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का मसायब पढ़ते हुए उनकी शहादत का जि़क्र किया कि किस तरह से इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को कर्बला में तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद किया गया। उनके बेटे, भाई, भतीजे, भान्जों के अलावा उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ही उनके सहाबियों (साथियों) को भी भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया। मजलिस में मौजूद तमाम मोमेनीन की आंखें अश्कबार हो गर्इं। मजलिस से पूर्व मौलाना सैय्यद शमीम हैदर रिज़वी शिवली आज़मगढ़ ने तिलावते कुराने मजीद किया। जिसके बाद सैय्यद अली काविश ने सोज़ख़्ाानी की और सादिक जलालपुरी और मेहदी मिर्जापुरी ने कलाम पेश किया। संचालन मौलाना सैय्यद आबिद रज़ा रिज़वी मोहम्मदाबादी ने किया। मजलिस में शिरकत करने वाले तमाम मोमेनीन का शुक्रिया मजलिस के आयोजक मौलाना महफुज़ुल हसन खां प्रधानाचार्य जामिया ईमानिया नासिरया एवं इमामे जुमा शिया जामा मस्जिद नवाब बाग़ ने अदा किया।