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रमेश सिंह प्रांतीय अध्यक्ष उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (सेवारत) |
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उर्वशी सिंह सह संस्थापक अतुल वेलफेयर सोसायटी। |
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पुष्पराज सिंह जिलाध्यक्ष भाजपा। |
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फैसल हसन तबरेज जिलाध्यक्ष कांग्रेस। |
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इकबाल खान मधु उत्तराखंड प्रभारी राष्ट्रीय मुस्लिम मंच |
नया सवेरा नेटवर्क
सपा,कांग्रेस बोली युवाओं व किसान विरोधी है यह बजट
भाजपा बोली विश्व गुरू बनने की ओर बढ़ रहा है देश
जौनपुर। लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद में बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने आम बजट पेश किया तो जिले में इसकी मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। अधिकांश लोगों ने सात लाख रूपये तक टैक्स न लगने पर खुशी तो जाहिर की पर किसानों, बेरोजगारी, लघु उद्योग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार का रूख साफ न होने पर विपक्ष ने इस बजट का विरोध किया। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज ने कहा कि किसान की आय दुगनी करने वाली भाजपा सरकार ने इस बजट में किसानों के लिए कोई खास घोषणा नहीं की जिससे उनकी आय दुगनी हो सके। यही नहीं एक वर्ष से ज्यादा समय तक अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले किसानों क ी जान लेनी वाली सरकार ने दो शब्द शोक का भी संसद मंे प्रकट नहीं किया ये इस बात का प्रमाण है कि ये सरकार किसान विरोधी है। सात लाख रूपये तक टैक्स के दायरे में छूट पर फैसल हसन तबरेज ने कहा कि यह 2024 के चुनाव को देखते हुए एक लॉलीपॉप है जिसे जनता अब समझ चुकी है। बेरोजगारी कैसे खत्म हो, रोजगार के लिए क्या योजनाएं सरकार उपलब्ध करायेगी, काला धन वापस कैसे देश में आयेगा इस पर वित्तमंत्री का कोई रोड मैप नहीं दिखाई पड़ा। ऐसे में यह बजट आम जनता के लिए एक छलावा मात्र है। सपा के जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट आम जनता के लिए कोई खास नहीं है। चुनाव नजदीक है ऐसे में लोकलुभाने वादे करने वाली केंद्र की भाजपा सरकार सिर्फ जुम्लेबाजी में ही जुटी हुई है। किसान परेशान हैं, बेरोजगारी चरम पर है, उद्योग धंधे चौपट हैं लोग पलायन कर रहे हैं। मंहगाई चरम सीमा पर है ऐसे में केंद्रीय बजट से लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें कुछ अच्छा देखने को मिलेगा पर ऐसा कुछ नहीं हो सका। चंद पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के लिए यह बजट तैयार किया गया है जिसका लाभ उन्हें ही मिलेगा आम जनता तो मंहगाई की मार झेलने क ो तैयार बैठी है। भाजपा के जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को विश्व में अलग स्थान दिलाने के लिए यह बजट मील का पत्थर साबित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस तरह से मध्यवर्गीय लोगों को टैक्स का दायरा सात लाख तक माफ करने का बढ़ाया उससे आम जनता में खुशी की लहर दिखाई पड़ रही है। इस बजट से हम लोग विश्व की एक बड़ी अर्थव्यवस्था में स्थान बढ़ाने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। जहां उद्योग लगाने वालों को सरकार ने सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही है तो वहीं कई प्रकार की छूट देकर आम जनता के दिलों को जीतने का काम एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार ने किया है। अतुल वेलफेयर सोसायटी की सह संस्थापक उवर्शी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार का यह बजट महिलाओं के लिए काफी लाभदायक है जिस तरह से केंद्र की मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास लेकर आगे बढ़ रही है उसमें यह बजट एक कदम और आगे बढ़ाने का काम करेगा। आम जनता को टैक्स में छूट देकर वित्तमंत्री ने लोगों के दिलों को जीत लिया है। बेरोजगारी दूर करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं सरकार देने जा रही है जो इस बजट में साफ देखने को मिला। वहीं उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (सेवारत) के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश सिंह ने बताया कि केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री की घोषण में नौकरी पेशा और मिडल क्लास को राहत दी गयी है क्योकि पेश गए बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है। सालाना 7 लाख रु पए तक की कमाई करने वालों को अब कोई आयकर नहीं देना होगा पिछले साल के बजट में मौजूदा टैक्स सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया गया था। वहीं इस बार के बजट में सालाना 7 लाख रु पये तक की कमाई करने वाले नौकरी पेशा व मध्यम वर्ग को नई व्यवस्था के तहत कोई कर नहीं देना होगा। इस सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रूपए प्रति वर्ष कर बैंकों के कामकाज के लिए नया अधिनियम बनाये जाने की बात कही गई है साथ ही रिटर्न फाइल करने के लिए नया फॉर्म भी आएगा। वित्त मंत्री की इस घोषणा से बेहद राहत भरा कदम माना जा सकता है। वहीं उत्तराखंड एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के प्रभारी इकबाल खान मधु ने कहा कि केंद्र सरकार का यह बजट भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। बजट में सभी वर्गों को सहूलियत दी गई है तो वहीं मध्यवर्गीय कर्मचारियों व व्यापारियों को सात लाख रूपये तक टैक्स के दायरे में छूट देकर सरकार ने सभी के दिलों को खुश कर दिया। इस बजट से किसानों की आय बढ़ेगी तो वहीं रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होगें। जिस तरह से आज विश्व में अर्थ व्यवस्था चल रही है उसमें भारत अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में कामयाब रहा है यही वजह थी कि कोरोना काल में कई देशों की अर्थव्यवस्था खराब हो गई थी वहीं भारत मजबूती के साथ खड़ा दिखा। ये बजट किसान, नौजवान, उद्योग, अल्पसंख्यक व अन्य लोगों के लिए अपार संभावनाओं की ओर एक कदम बढ़ाता हुआ नजर आ रहा है।
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