नया सवेरा नेटवर्क
||विनती सागर से||
पयोनिधि आपसे विनती, करूँ मैं आज बारम्बार-२
कृपा कर राह दे दो आप, जाऊँ लंका मेैं उस पार||
पार उस जाके लंका में, दंड रावण को देना है-२
चुराया धर्मिणी मेरी, बजाऊँ जा के मैं डंका||
पयोनिधि आपसे विनती, करूँ मैं आज बारम्बार||
कृपा कर राह दे दो---------
छुड़ाकर सिय को लाना है,छुड़ाना धर्म मेरा है-२
असुर का वध जरूरी है,न इसमें है कोई शंका||
पयोनिधि आप से विनती करूँ, आज बारम्बार|
कृपा कर राह दे दो--------
खींच लो आप जल पीछे,पार सेना मेरी जाये-२
मदद कर दो पयोनिध हे,न रक्खो मन में कुछ शंका||
पयोनिधि आप से विनती,करूँ मैं आज बाम्बार|
कृपा कर राह दे दो--------
गायेगा आपका यश खूब,रघुकुल जन्म जन्मान्तर-२
विनय है आपसे इतनी,जाने दो पार उस लंका||
पयोनिधि आप से विनती,करूँ मैं आज बारम्बार|
कृपा कर राह दे दो----------
ऋणी हरदम रहेगा राम,ये रघुकुल घराना भी|
मान लो बात मेरी आप,बजवाओ नहीं डंका||
पयोनिधि आप से विनती,करूँ मैं आज बारम्बार|
कृपा कर राह दे दो---------
चढ़ाना ना पड़े सर चाप,दे दो राह अनुनय है-२
विनय करता हूँ नतमस्तक,जाने दो पार उस लंका||
पयोनिधि आप से विनती,करूँ मैं आज बारम्बार|
कृपा कर राह दे दो----------
पं.जमदग्निपुरी
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1 टिप्पणियाँ
जी धन्यवाद 🙏🏻
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