नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। पुस्तक ‘राग रविदास में प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने रविदास की संगीतिकता को रेखांकित किया हैं। यही रविदास की उल्लेखनीय विशेषता रही है जहां से वे सामाजिक परिवर्तन और क्रांति की बात करते हैं। ये बातें वरिष्ठ आलोचक प्रो. चौथीराम यादव ने कहीं।
वह सोमवार को आयोजित प्रो. शुक्ल की पुस्तक ‘राग रविदास के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि थे। बीएचयू के भोजपुरी अध्ययन केंद्र में हुए समारोह में उन्होंने कहा कि यह पुस्तक रविदास के कई अनछुए पहलुओं को उजागर करती है। अध्यक्षता करते हुए समीक्षक प्रो. अवधेश प्रधान ने कहा कि पुस्तक में रविदास के संवादी स्वर को तार्किक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
लेखकीय वक्तव्य में प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि यह पुस्तक संत रविदास के कवि कर्म को रेखांकित करने के लिए लिखी गई है। डॉ. विंध्याचल यादव, डॉ. प्रियंका सोनकर ने भी विचार रखे। शोधछात्र अमरकृष्ण दीक्षित, अलका, विनय खरवार, अखिलेश्वर पांडेय ने रविदास के पद का गायन किया। स्वागत आर्यपुत्र दीपक, संचालन डॉ. अमरजीत राम और धन्यवाद ज्ञापन अक्षत पांडेय ने दिया। डॉ. प्रभात मिश्र, डॉ.महेंद्र कुशवाहा, डॉ.रवि सोनकर, डॉ.ऋषि शर्मा, डॉ.राजकुमार मीणा, डॉ.राकेश पांडेय आदि रहे।
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