नया सवेरा नेटवर्क
खेतासराय,जौनपुर। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोंधी पर सोमवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण दिया गया। बताया कि फाइलेरिया जैसी बीमारी मच्छरों के काटने से होता है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.रमेश चंद्रा ने फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम लक्ष्य और रणनीति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि फाइलेरिया शरीर को दुर्बल और कुरूप बनाने वाली बीमारी है। यह दीर्घकालिक विकलांगता का वि·ा का दूसरा प्रमुख कारण है। लिंम्फेटिक फाइलेरिया को आमतौर पर एलीफैंटियासिस (हाथी पांव) के नाम से जाना जाता है। एमओ डॉ.मसूद अहमद ने पांच से 15 वर्ष के बाद हाथी पांव, हाइड्रोसील पुरु षों के अंडकोष में सूजन या काईल्यूरिया, पेशाब में सफेद रंग के द्रव्य का जाने के रूप में लक्षण दिखाई देते हैं। सभी पात्र व्यक्तियों को वर्ष में एक बार एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा जरूर खानी चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को अभियान के दौरान सर्वे कर लोगों को दवा खिलाने के बारे में और फाइलेरिया, हाइड्रोसील तथा लिंफेडेमा रोगियों की सूची तैयार करने के बारे में जानकारी दी गई। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अजय कुमार सिंह और बीसी पीएम अशोक कुमार कुशवाहा ने सर्वे बुकलेट के विषय पर जानकारी दी। अवधेश कुमार तिवारी बीएमसी ने सर्वे के उद्देश्य लोगों के साथ सामंजस्य और बातचीत करने के तरीकों के बारे में बताया। प्रशिक्षण में चिकित्साधिकारी डॉ. मसूद अहमद खान पीसीआई अनुज कुमार बरनवाल, प्रतिरक्षण अधिकारी सुजीत कुमार मौर्य, राहुल कुमार यादव, राम मिलन यादव, अनीता राव उपस्थित रहे।
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