नया सवेरा नेटवर्क
तहसील की रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं ले रहा शासन प्रशासन
केराकत,जौनपुर। तहसील केराकत के कुछ ऐसे अति पुराने भवन हैं ,जो काफी जर्जर व जीर्ण शीर्ण हो चुके हैं। जो कभी भी ध्वस्त होकर लोगों पर मौत का कहर बरपा सकते हैं । देखा जाए तो उपनिबंक कार्यालय के ठीक पीछे स्थित दो मंजिला बना सरकारी भवन काफी जर्जर व जीर्ण शीर्ण हो चुका है। इस भवन के बने बारजे टूट कर गिर चुके हैं। तथा दीवाल के निचले भाग की र्इंटें करीब करीब खत्म होने की स्थिति में हैं। जब कि भूतल के कक्षों को कुछ लेखपालों ने अपना दफ्तर बना लिया है ,यहां तक कि बाकायदा कम्प्यूटर भी रखकर कार्य सम्पादित किये जा रहे हैं। यही नहीं दूसरे तल पर तहसीलदार का अर्दली अपने परिवार के साथ रह रहा है । इसके अलावा नायब तहसीलदारों के लिए कभी बने तीन सरकारी आवास जो बनाए गये थे। अब वह भी जर्जर हो चले हैं। जिसमें लेखपालों वह कानूनगोओं ने अपना दफ्तर बना लिया है। इसके अलावा नायब तहसीलदार बयालसी का कभी जो भवन न्यायालय हुआ करता था। वह भी काफी जर्जर हो चुका है। सभी जर्जर भवन कभी भी मौत का कहर बरपा सकते हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर तहसीलदार अमित कुमार त्रिपाठी का कहना है कि समय समय पर जिला प्रशासन व शासन को जर्जर भवनों की स्थिति के बारे में रिपोर्ट भेज दी जाती है।
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