कविता| #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मासिक शासकीय पगार चौदह हज़ार है
भ्रष्टाचार की कृपा से मुझे धन अपार है
इंडिगो कार फ़्लैट प्लाट अपरंपार है
घर में हरे गुलाबी के पहाड़ है
मासिक शासकीय पगार सिर्फ़ चौदह हज़ार है
मेरे पास दिमाग नहीं यह सेटिंग का आधार है
काम रेटफिक्सिंग के अनेकों प्रकार है
अंदर खाने प्राइवेट काम भी अपार है
मासिक शासकीय पगार सिर्फ़ चौदह हज़ार है
चौदह हज़ार पंद्रह दिन निजी खर्चे का जुगाड़ है
मदिरा तंबाकू खर्रा के शौक अपार है
ऊपरी कमाई की मलाई जोरदार मजेदार है
मासिक शासकीय पगार सिर्फ़ चौदह हज़ार है
गरीब आदमी हूं यह सबसे बड़ा हथियार है
अंदर खाने सेठों को मात देने धन कुबेर तैयार है
शासन को मालूम है कार्यवाही नहीं हमारी पार है
मासिक शासकीय वेतन सिर्फ़ चौदह हज़ार है
मौसेरे भाइयों की मालकी में मेरा व्यापार है
भ्रष्टाचार के करोड़ों लगे हैं मलाई अपरंपार है
शासन जनता एजेंसियां चुप हैं हमारी किस्मत है
मासिक शासकीय पगार सिर्फ़ चौदह हज़ार है
- लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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