नया सवेरा नेटवर्क
सबसे अधिक भाजपा में है दावेदारों की फेहरिस्त
सपा में भी कई हैं चुनाव में उतरने के लिए तैयार
बसपा में अभी तक एक ही दावेदार की दिख रही है होर्डिंग
चिकित्सा पेशा से तालुक्कात रखने वाले भी मैदान में उतरने की फिराक में
हिम्मत बहादुर सिंह
जौनपुर। स्थानीय निकाय चुनाव की सरगर्मिया धीरे धीरे बढ़ रही हैं। हलांकि अभी चुनाव की तिथि का निर्धारण नहीं हुआ है और न ही आचार संहिता लगने की घोषणा हुई है। इसके इतर भावी प्रत्याशी जनता का नब्ज टटोलने से पीछे नहीं हैं। उधर नगर पालिका क्षेत्र एवं नगर पंचायत क्षेत्रों में होर्डिंग लगाकर अध्यक्ष पद की दावेदारी करने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है। होर्डिंग के माध्यम से नगर पालिका जौनपुर में अध्यक्ष पद के दावेदारों की संख्या में भाजपा सबसे आगे है। भाजपा के टिकट पर लड़ने वालों में चिकित्सा पेशा वाले भी मैदान में उतरने का मन बना चुके हैं। सपा में भी अध्यक्ष पद के दावेदारों की संख्या ठीक ठाक है लेकिन बसपा ही एक ऐसी पार्टी जिसमें अध्यक्ष पद के सिर्फ एक ही प्रत्याशी जो चार बार लगातार अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाल चुके हैं और एक बार महिला सीट होने के कारण उनकी पत्नी भी इस सीट पर विराजमान हो चुकी हैं। मौजूदा समय में एक बार फिर आरक्षण में जौनपुर नगर पालिका अध्यक्ष पद सामान्य है इससे लड़ने वालों की संख्या भी अच्छी खासी हो गई है। लोकतंत्र की व्यवस्था कहा जाये या विडंबना यह है कि बैकवर्ड और एससी में तो केवल उसी वर्ग के लोग चुनाव मैदान में उतर सकते हैं लेकिन सामान्य सीट होने पर हर वर्ग के लोग चुनाव मैदान में उतरने के लिए स्वतंत्र है लेकिन सामाजिक परिवर्तन के साथ साथ इस व्यवस्था में भी परिवर्तन करने की खासी जरूरत है। बताते चलें कि हर पार्टी में यह मंथन चल रहा है कि किस जाति से और किस जाति वर्ग के प्रत्याशी को चुनाव मैदान मंे उतारा जाये जो मौजूदा नगर पालिका अध्यक्ष के परिवार के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सके। दावेदार की जगह प्रत्याशी की होर्डिंग की नगर क्षेत्र में होड़ लगी हुई है। जबकि प्रत्याशी तभी माना जाता है जब वह दावेदार नामांकन कर चुका होता है और उसका नामांकन पत्र वैद्ध हो जाता है। उधर जिला प्रशासन भी निकाय चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए पूरी तैयारी में ंजुटा हुआ है। आरक्षण की सूची जारी होने के बाद आपत्तियों की भी ढेर लग गई है। अब आपत्तियों के निस्तारण के बाद शासन प्रशासन का क्या रूख होता है इसका पता तो अधिसूचना जारी होने के बाद ही पता चल पायेगा फिलहाल आपत्तियों का निस्तारण होने के बाद स्थानीय निकाय चुनाव की तिथि की घोषणा होने की संभावना लगाई जा रही है।
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