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मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना यासूब अब्बास व मौलाना मोहम्मद हुसैनी। |
नया सवेरा नेटवर्क
फातमा की सीरत पर महिलाओं को चलने की जरूरत:यासूब अब्बास
तीन दिवसीय मजलिसे फातमी में शामिल हुए ओलमाए इकराम
मदरसा नासिरिया में अज़ादारों ने दिया रसूल की बेटी को पुरसा
जौनपुर। अरबी कॉलेज जामिया इमानिया नासिरया हमाम दरवाज़ा में पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) की बेटी हज़रत फात्मा ज़हरा (स.अ.व) की शहादत की याद में तीन दिवसीय मजालिसे फातमी का सिलसिला बुधवार को जारी रहा। मजलिसों में देश के विभिन्न जि़लों से आये ओलेमाए इकराम ने हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ.व. की बेटी जनाबे फातमा ज़हरा के जीवन पर प्रकाश डालने के साथ साथ उनकी शहादत के बाद ढहाए गये जुल्मो को बयान किया। मुजफ्फरनगर से आये मौलाना मोहम्मद हुसैनी ने कहा कि रसूले खुदा की बेटी जनाबे फातमा जहरा दुनिया की महिलाओं के लिए आदर्श हैं। उनके बताये हुए रास्ते पर आज हम सबको चलने की जरूरत है। मौलाना ने कहा कि जिस तरह से जनाबे फातमा जहरा ने अपनी जिंदगी गुजारी वोह आज भी लोगों के लिए आदर्श है। लखनऊ से आये मौलाना डॉ. यासूब अब्बास ने कहा कि रसूले खुदा की बेटी जनाबे फातमा ज़हरा पर जो जुल्म ढहाया गया था आज हम सब उनको पुरसा देने के लिए इकट्ठा हुए हैं। हमें अपनी घरों की महिलाओं को उनके बताये हुए रास्ते पर चलने की नसीहत देने की जरूरत है। मजलिस में शहर के सोज़खानो ने बीबी फातिमा ज़हरा (स.अ.व.) को अपनी अपनी दर्द भरी आवाज़ों में नज़रान ए अकीदत पेश किया और कई शायरों ने भी अपने अपने कलामों को पेश किया। मजलिस को खेताब किया मौलाना सैय्यद ज़फ़र अली अकबरपुरी, मौलाना मुशीर अब्बास खां सुल्तानपुर, मौलाना सैय्यद क़मर हसनैन रिज़वी छौलसवी गाजि़याबाद, मौलाना सैय्यद इमाम हैदर ज़ैदी मोहम्मदाबादी, मौलाना सैय्यद नदीम रज़ा ज़ैदी वाईस प्रिंसिपल वसीक़ा अरबी कालेज फैज़ाबाद, मौलाना सैय्यद मोहम्मद असग़र फैज़ी, प्रोफेसर दीनियात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़, मौलाना डॉ. यासूब अब्बास महासचिव आल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड लखनऊ, मौलाना सैय्यद तहक़ीक़ हुसैन रिज़वी इमामे जुमा भावनगर, मौलाना सैय्यद मोहम्मद मेहदी मेहदवी, मौलाना सैय्यद अशरफ अली ग़रवी, मौलाना सैय्यद मोहम्मद हुसैनी नायाब इमामे जुमा मुज़फ्फरनगर,मौलाना सैय्यद कर्रार हैदर मौलाई मुज़फ्फरनगर ने तीन दिवसीय मजलिसों में जनाबे फातमा जहरा पर ढाए गये जुल्मों को बयान करने के साथ साथ उनकी सीरत को दुनिया के सामने पेश किया। आख़्िारी मजलिस को मौलाना महफुज़ुल हसन ख़्ाां सम्बोधित करेंगे। मौलाना सैयद क़मर हसनैन रिज़वी ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) की हदीस की रौशनी में मिल्लत को बुराइयों से दूर रहने का आह्वान किया उन्होंने कहा कि शहादते फात्मा ज़हरा पर हम सब यह तय करें कि हम एक ऐसे समाज की स्थापना करें जिसमें सबके अधिकार महफूज़ रहें। मौलाना सैयद इमाम हैदर ज़ैदी ने कहा कि दुनिया की औरतों के लिए जनाबे फात्मा ज़हरा (स.अ.व) आदशर््ा हैं उन्होंने इस्लाम के लिए कुर्बानी पेश की अहलेबैत की मोहब्बत को अल्लाह ने मुसलमानों के लिए फ़र्ज किया है मुसलमान चाहे जिस फिरक़े का हो वोह अपनी अपनी नमाज़ो में पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) के साथ साथ अहलेबैत (अ.स) पर भी दुरूद भेजता है। मजलिसों का संचालन मौलाना सैयद आबिद रज़ा रिज़वी मोहम्मदाबादी एवं आकि़ब बरसारवी ने किया। संयोजक मौलाना महफुज़ुल हसन खां ने मजलिसों में शामिल अजादारों के प्रति आभार प्रकट किया।
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