नया सवेरा नेटवर्क
लखनऊ। पिछले साल जनवरी में विभूतिखंड के कठौता चौराहे पर सरेशाम की गई अजीत सिंह की हत्या के मामले में अभियुक्त अखंड प्रताप सिंह की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में घटना को दुस्साहसिक वारदात करार देते कहा कि अभियुक्त दुर्दांत अपराधी है, उस पर 40 जघन्य अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। वह पूर्वांचल का बाहुबली माना जाता है, ऐसे अपराधी की समाज में कोई जगह नहीं है, उसे उसी जगह होना चाहिए, जहां वह आज (जेल में) है।
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त अखंड प्रताप सिंह की जमानत याचिका पर पारित किया। अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है, वह घटनास्थल के आसपास भी नहीं था। याचिका का अपर शासकीय अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि इस हत्याकांड का सारा ताना-बाना वर्तमान अभियुक्त और सह अभियुक्त कुंटू सिंह ने बुना था, वे दो साल से पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या में गवाही न देने के लिए अजित सिंह को धमका रहे थे, सर्वेश सिंह की भी हत्या इन्हीं दोनों ने करवाई थी। कोर्ट ने पाया कि अखंड प्रताप सिंह के खिलाफ दर्ज कई मामलों में वह बरी कर दिया गया है, इस पर अदालत ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ गवाह होस्टाइल हो जाते हैं या दुनिया से ही मिटा दिए जाते हैं। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को भी इस हत्याकांड की सुनवाई एक साल में पूरा करने का आदेश दिया है।
0 टिप्पणियाँ