इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में मजलिस पढ़ते मौलाना सै.आमिर |
इमामबाड़ा मीरू सैयद में खेताब करते मौलाना सै.साबिर रज़ा। |
नया सवेरा नेटवर्क
इमाम हुसैन ने कुर्बानी देकर इस्लाम को बख्शी है जिंदगी:सै.साबिर
अलग अलग इमामबाड़ों में मजलिसे चेहलुम का हुआ आयोजन
जौनपुर। रविवार को नगर में अलग अलग इमामबाड़ों में मजलिसे चेहलुम का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर मरहूमों के लिए फातेहा पढ़कर मगफेरत के लिए दुआएं मांगी। नगर के इमामबाड़ा कल्लू मरहूम में सुबह 9 बजे कुरआन ख्वानी के बाद मजलिसे चेहलुम बराये ईसाले सवाब मरहूम डॉ.सैयद रईस अहमद जैदी की पत्नी मरहूमा उम्मे शबाब का आगाज हुआ। मजलिस को खेताब करते हुए दिल्ली से आये मौलाना सैयद आमिर काजमी ने कहा कि हमें अपने मां बाप की खिदमत हमेशा करनी चाहिए क्योंकि खुदा का हुक्म है कि जो अपने मां बाप के हुक्म की ना फरमानी करेगा उसकी आखिरत में बख्शिश नहीं होगी। खुशनसीब हैं वे लोग जो अपने वालदैन की खिदमत हमेशा करते हैं। ऐसे लोगो के लिए अल्लाह जन्नत का रास्ता आसान कर देता है। मौलाना ने कहा कि कर्बला में जिस तरह से हजरत इमाम हुसैन स.अ. व उनके 71 साथियों ने शहादत दिया उसने दीने इस्लाम को आज बचाने का काम किया है। हम कर्बला के शहीदों को याद कर अपना गम भुला देते हैं। बाद खत्म मजलिस अंजुमन जाफरी ने नौहा व मातम कर कर्बला के शहीदों को नजरानए अकीदत पेश किया। इससे पूर्व सोजख्वानी सैयद गौहर अली जैदी व उनके हमनवां ने किया जबकि पेशख्वानी तनवीर जौनपुरी, एहतेशाम जौनपुरी ने किया। सैयद शोएब जैदी ने आये हुए सभी मोमनीन के प्रति आभार प्रकट किया। वहीं दूसरी मजलिसे चेहलुम मरहूम सैयद दिलावर हुसैन की पुरानीबाजार स्थित इमामबाड़ा मीरू सैयद में सुबह दस बजे तिलावते कलाम पाक से शुरू हुई। मजलिस को खिताब करते हुए हुसैनाबाद झारखंड से आये मौलाना सैयद साबिर रज़ा ने कहा कि आज पूरी दुनिया में इमाम हुसैन के मानने वाले मौजूद हैं क्योकि इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाने का काम अपने पूरे कुनबे की कुर्बानी देकर किया था। हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. के नवासे इमाम हसन व हुसैन स.अ. की कुर्बानी के साथ साथ हम सबके पहले इमाम हजरत इमाम अली अ.स. ने अपने नाना के दीन को पूरी दुनिया में फैलाने के साथ साथ इसको बचाने का भी काम किया। यही वजह है कि आज इमाम हुसैन के चाहने वाले हर धर्म में आप को मिलेगें। मौलाना साबिर रजा ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा अल्लाह ने हमको मां बाप के रूप में दिया है और उसमें भी मां का मर्तबा सबसे बड़ा है जो बचपन में तरबियत मां बाप अपने बच्चों को देते हैं वही उनके जिंदगी को बदलने का काम करता है। ऐसे में चाहिए कि हम अपने बच्चों को शिक्षित करें जिससे कि वे समाज को नई दिशा प्रदान कर सकें। इससे पूर्व पेशख्वानी मेंहदी मिर्जापुरी व तनवीर जौनपुरी ने किया जबकि सोजख्वानी डॉ.एबाद अली व उनके हमनवा ने किया। अंजुमन मासूमिया सिपाह ने नौहा मातम का नजराने अकीदत पेश किया। अंत में डॉ.नौशाद अली ने आये हुए सभी मोमनीन के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
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