व्यंग्य | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
भ्रष्टाचार से मेरा जीवन दुखदाई हुआ
भ्रष्टाचार से लत लगी जुवा का शिकार हुआ
पूरे परिवार का शारीरिक खून खराब हुआ
पूरा परिवार दुर्घटना का शिकार हुआ
भ्रष्टाचार से मेरा जीवन दुखदाई हुआ
घूसखोरी लेकर खोदा अपने लिए कुआं
परिवार मौज मस्ती में मस्त हुआ
रिटायरमेंट के बाद मेरे साथ धोखा हुआ
भ्रष्टाचार से मेरा जीवन दुखदाई हुआ
मैंने गरीब जनताको चकरे खिलानेका जुर्म किया
ऊपर हिस्सेदारी देकर बहुत पाप किया
ऊपर वाले ने अति दुख देकर इंसाफ किया
भ्रष्टाचार से मेरा जीवन दुखदाई हुआ
जिंदगी भर अपना चरित्र मैला किया
इमानदारी के बारे में सोचना त्याग दिया
अपनी रोजीरोटी से विश्वासघात किया
भ्रष्टाचार से मेरा जीवन दुखदाई हुआ
घूसखोरी मतकरो सलाहके काबिल भी नहीं रहा
अपने मैल धो नहीं पाया बहुत बुरा हुआ
बच्चेभी भ्रष्टाचार सीखे उनका जीवन खराब हुआ
भ्रष्टाचार से मेरा जीवन दुखदाई हुआ
-लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र