नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। प्रदेश में कई नेता और मंत्री बार-बार दिग्गजों को लेकर विवादित बयान दे रहे है। इससे राज्य में माहौल गरमा गया है। इस बीच कल चंद्रकांत पाटिल ने भी विवादित बयान दिया तो फिर से एक नया विवाद खड़ा हो गया। इस दौरान शिवसेना की उपनेता सुषमा अंधारे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
बाबासाहेब अम्बेडकर ने धर्मार्थ साधना प्रकाशन समिति के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया है। सुषमा अंधारे ने यह इस्तीफा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल को भेजा है और इस्तीफा पत्र अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा किया है।
मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने क्या बयान दिया?
कर्मवीर भाऊराव पाटिल, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले ने स्कूलों की शुरुआत की थी। इन स्कूलों को शुरू करते समय सरकार ने उन्हें सब्सिडी नहीं दी, उन्होंने लोगों से भीख मांगी ऐसा बयान देते हुए चंद्रकांत पाटिल ने अपनी गर्दन पर लगे निशान को आगे फैला दिया।
सुषमा अंधारे ने पत्र में वास्तव में क्या कहा?
छत्रपति शिवाजी महाराज, क्रांतिबा ज्योतिबा फुले, कर्मवीर भाऊराव पाटिल सभी हमारे जीवन के आदर्श हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा इन महापुरुषों के अपमान की साजिश रची जा रही है. महामहिम राज्यपाल के पद पर आसीन व्यक्ति से लेकर कोई ना कोई मंत्री और सदन के सदस्यों के होड़ में है, जहां हर दिन कोई महापुरुषों के बारे में अपमानजनक बयान देता है और महाराष्ट्र की पहचान को रौंद देता है।
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