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आँसू से लथपथ!
आँसू से लथपथ है जीवन की राहें,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए।
मुट्ठीभर लोगों के हाथों में दुनिया,
तख़्तो-ओ-ताजों के लोगों की दुनिया।
पावर है वीटो का उसको हटाएँ,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए,
आँसू से लथपथ है जीवन की राहें,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए,
गिरते बमों की न कोई है गिनती,
मिसाइल गिराओ न, साँसें हैं मिलती।
बिलखते उन बच्चों की दुनिया लौटाएँ,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए,
आँसू से लथपथ है जीवन की राहें,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए।
उँगली पे देखो वो दुनिया नचाया,
अभी तक किसी ने न आईना दिखाया।
सुख -चैन अपना ये लुटने न पाए,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए,
आँसू से लथपथ है जीवन की राहें,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए।
जमीं है खफ़ा, आसमां भी खफ़ा है,
गम क्यों खरीदें, ये कैसी नशा है।
कब तक कोई ऐसी अर्थी उठाए?
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए,
आँसू से लथपथ है जीवन की राहें,
कोई मेरे जख्मों पे मरहम लगाए।
रामकेश एम.यादव (कवि,साहित्यकार), मुंबई
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