फॉगिंग मशीन से धूंआ फैलाता कर्मी। |
नया सवेरा नेटवर्क
मच्छर काटने से बढ़ा डेंगू व वायरल बुखार का प्रकोप
डोभी,जौनपुर। क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया सहित मच्छर जनित वायरल बुखार धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। सरकारी अस्पतालों से लगायत प्राइवेट हास्पिटललों में दिन पर दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। समय रहते यदि उचित रोक थाम के उपाय नही किए गए तो जल्द ही मच्छर जनित बुखार महामारी का रूप ले लेगा। बताते चलें कि बीते वर्षों में जब पूरा देश कोरोना कि माहामारी कि त्रासदी झेल रहा था। उस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपनी जान बचाने के लिए शहरों से भागकर गांवों में आ गये थे। ऐसे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य जरूरी उपायों के साथ सभी ग्राम पंचायतों को मच्छरों व अन्य बैक्टीरियाल संक्रमण कि रोकथाम के लिए दवा का छिड़काव तथा धुवां फैलाने वाली फॉगिंग मशीन खरीदने का निर्णय किया। उक्त के क्रम में डोभी ब्लाक में आने वाले लगभग सभी ग्राम पंचायतों में फॉगिंग मशीन कि खरीद का ढिंढोरा पीटा गया। पर कुछ एक बड़ी आबादी वाले गांवों को छोड़कर अन्य किसी भी ग्राम पंचायत नें फॉगिंग मशीन नही खरीदा। ऐसे में मच्छर के काटने से डेंगू का खतरा बढ़ा है। हालत यह है कि ग्राम प्रधान से लगायत अन्य सभी जि़म्मेदार अपने कर्तव्यों से कन्नी काट रहे हैं। जबकी शाम होते ही मच्छर लोगों का जीना मोहाल कर दिए हैं। डोभी में वायरल फीवर से कोई घर अछूता नही है। हर घर में तीन चार की संख्या में बुखार से त्रस्त लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे। ऐसे में धूवा फैलाने एवं छिड़काव की कौन कहे सफाईकर्मी भी गांवों में नही आते। प्रधानों को सुविधा शुल्क देकर गांवों में जाने की जहमय से बच जाते हैं। फॉगिंग मशीन की खरीद पर उठे सवाल की जानकारी के लिए डोभी के खंड विकास अधिकारी को उनकी मोबाइल पर संपर्क करना चाहा तो उनका फोन उठा ही नही। वही सीएचसी डोभी के चिकित्सा अधीक्षक डा.प्रिंस मोदी नें डेंगू व अन्य वायरल बुखार के प्रश्न पर कहा की अधिक संख्या वायरल, टाइफाइड आदि से संक्रमित रोगियों की हैं जिन्हें दवा के साथ साफसफाई एवं मच्छरों से बचने की हिदायत दी जारही है। डेंगू के आधा दर्जन मरीज पाजिटिव पाए गए जिनको बेहतर इलाज दिया गया है। वही रोस्टर बनाकर स्वास्थ्य टीम गांवों में जांच के लिए भेजा गया है। लोगों से अपील है की अपने आसपास गंदा पानी इकट्ठा ना होंने दें। सवाल यह है कि बेपरवाह जिम्मेदारों का इलाज कौन करेगा। जो सरकारी धन से अपनी जेब भर कर व्यवस्था की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। आखिर कागजों पर खरीदी गयी फॉगिंग मशीन गांवों की गली से लेकर गरीब की झोपड़ी तक कब धुआं छोड़ेगी।
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