नया सवेरा नेटवर्क
छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्र नेताओं ने ली थी हाईकोर्ट की शरण
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में छात्र संघ चुनाव को लेकर हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है। बता दें विश्वविद्यालय परिसर में छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर छात्र नेताओं ने जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार प्रत्यावेदन दिया था परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश व उच्चतम न्यायालय के आदेशों को लेकर टाल मटोल करता रहा। जिसे लेकर छात्र नेता उद्देश्य सिंह व प्रिंस त्रिपाठी समेत चार अन्य छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसपर गुरु वार को हाईकोर्ट ने वि·ाविद्यालय की कुलपति को छात्र संघ चुनाव पर दो सप्ताहों के भीतर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि छात्रों ने लिंगदोह कमेटी की संस्तुतियों तथा उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश 15 जनवरी 2016 के तहत वि·ाविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ का चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं और वह अंदर ही अंदर चुनाव कराने को लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है वही कतिपय अधिकारी वह रास्ता भी खोजने में जुट गए हैं इस बहाने से किसी तरह से छात्र संघ के चुनाव को टाला जा सके क्योंकि विश्वविद्यालय के अधिकारियों का मानना है कि यदि एक बार छात्रसंघ बन गया तो उनकी मनमानी पर अंकुश लगाने का काम छात्र नेताओं द्वारा शुरू हो जाएगा। इसलिए विश्वविद्यालय वह रास्ता तलाशना चाहता है जिससे चुनाव को टाला जा सके। छात्र नेता उद्देश्य ने बताया की विश्वविद्यालय प्रशासन उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अनुपालन इतने लंबे समय तक कराने में असमर्थ रहा है। जब भी विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की जाती है तो वि·ाविद्यालय प्रशासन हीला हवाली करने लगता है। छात्र संघ चुनाव छात्रों का मौलिक अधिकार है और हम इसे प्राप्त करके रहेंगे । छात्रों के हित की लड़ाई लड़ने के लिए छात्रसंघ अत्यंत आवश्यक है। वि·ाविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ चुनाव न कराने को लेकर भी कई प्रयास किए थे। वि·ाविद्यालय प्रशासन द्वारा लिंगदोह समिति की सिफारिशों व उच्च शिक्षा विभाग के आदेशों को दरकिनार करते हुए उपमन्यु छात्र परिषद के गठन करने पर विचार किया जा रहा था जो सरासर नियमों के विरु द्ध था। जिसे लेकर हम सबके द्वारा विरोध जताया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं चाहता की छात्र अपने अधिकारों की लड़ाई लड़े। वे सदैव विश्वविद्यालय परिसर को छात्रों के शोषण का अड्डा बनाए रखना चाहते हैं। वि·ाविद्यालय प्रशासन को हाईकोर्ट के आदेशों से प्रत्यावेदन के माध्यम से अवगत करा दिया गया है आगे की कार्यवाही अब उन्हें करनी है। प्रिंस त्रिपाठी ने कहा की नियमानुसार कार्यवाही नहीं होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जीत न्याय और सत्य की होगी। हाईकोर्ट जाने वाले छात्रों में छात्र नेता उद्देश्य सिंह के साथ प्रिंस त्रिपाठी, सुमित सिंह ,पवन सोनकर ,विशाल चौरसिया,आशीष मौर्य शामिल रहे।
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