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संविधान दिवस पर शपथ दिलाते हुए। |
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। संविधान दिवस के अवसर पर जनपद न्यायाधीश की अध्यक्षता में संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक विक्रम ने बताया कि शासन न्याय अनुभाग एवं उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार ''संविधान दिवस'' के अवसर पर शनिवार को जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती वाणी रंजन अग्रवाल की अध्यक्षता में जनपद न्यायालय परिसर में भारतीय संविधान की प्रस्तावना की पाठन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर न्यायिक अधिष्ठान के समस्त न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। जनपद न्यायाधीश द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना का पाठन किया गया, जिसे उपस्थित सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण द्वारा दोहराया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात है कि जन-जन तक संविधान की जानकारी उससे प्राप्त मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में भारतवर्ष के हर नागरिक को जानकारी हो तब जाकर आने वाले दिनों में संविधान दिवस का यह दिन एक उत्सव के रूप में मनाये जाने कि परिकल्पना साकार होगी। हम सभी लोग भारतीय संविधान के द्वारा यानि विधि के शासन के द्वारा शासित होते है, इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है। तदोपरान्त सचिव पूर्णकालिक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विवेक विक्रम तथा अपर सिविल जज जूडि न्यू कोर्ट तृतीय, प्रवीण कुमार यादव द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में ''मान्यवर कांशीराम जी इण्टर कालेज शीतलां चौंकिया, जौनपुर में''संविधान दिवस"" के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का पाठन कराया गया और उपस्थित बच्चों एवं नागरिकों को हमारे भारतीय संविधान को अपनाए जाने की याद में हर साल 26 नवम्बर को देश में संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वर्ष 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संवधिन को 26 नवम्बर को ही अपनाया गया था। वही केन्द्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवम्बर 2015 को घोषणा की थी कि 26 नवम्बर को हर साल संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। तहसीलदार सदर पवन कुमार सिंह द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर बताया कि संविधान दिवस कोई छुट्टी का दिन नहीं है, बल्कि इस अवसर पर विभिन्न सरकारी विभागों, संगठनों और शिक्षा संस्थानों में तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों एवं कालेजों की बात करें तो संविधान दिवस के अवसर पर विभिन्न भाषणों, संवादों, वाद-विवाद प्रतियोगिता, क्विज आदि का आयोजन किया जाता है ताकि छात्र-छात्राओं में हमारे संविधान के प्रति जागरूकता एवं समझ को बढ़ावा मिले। पैनल अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार यादव द्वारा संविधान के मौलिक अधिकारों तथा मूल कर्तव्यों के बारे में बताया और साथ ही राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करायी गयी। प्रबन्धक डॉ राजीव रत्न मौर्य ने बताया कि भारत का संविधान अपनाने के उपलक्ष्य में हमारे देश में हर साल 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत की संविधान सभा में 26 नवम्बर को भारत के संविधान को अपनाया था जो 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवम्बर को ''संविधान दिवस"" के रूप में मनाने के लिए भारत सरकार के निर्णय को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवम्बर 2015 को अधिसूचित किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य संतोष कुमार, अध्यापकगण, बच्चें व अन्य नागरिक उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त जनपद के सभी तहसीलों में संविधान दिवस के अवसर पर संविधान के प्रस्तावना का पाठन किया गया।
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