प्रवचन सुनाते महामंडलेश्वर व उपस्थित श्रद्धालु। |
नया सवेरा नेटवर्क
भगवान का दूसरा नाम ही सत्य है: स्वामी आत्मानंद सरस्वती
मीरगंज,जौनपुर। भागवत कलयुग का अमृत और सभी दु:खों की एक औषधि है। कलयुग में कथा का श्रवण करने से सारे दु:ख और पाप मिट जाते है। साथ ही सभी प्रकार के सुख एवं शांति की प्राप्ति होती है। यह बातें क्षेत्र के कसेरवा में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का महात्म्य बताते हुए पीठाधी·ार त्रयम्बके·ार नासिक से आये स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज ने कही। अमृतमयी वाणी से कथा का वाचन शुरू करते हुए कहा कि कलयुग में भागवत जीवन में समस्त अवरोध मिटाने वाली उत्तम अवसाद है। भागवत का आश्रय करने वाला कभी दुखी नहीं होता है। श्री महाराज ने कहा कि भगवान शिव ने शुकदेव बनकर सारे संसार को भागवत की कथा सुनाई है। श्रोताओं को कर्मो का सार बताते हुए कहा कि अच्छे और बुरे कर्मो का फल भुगतना ही पड़ता है। भागवत भाव प्रधान और भक्ति प्रधान ग्रंथ है। भगवान पदार्थ से परे है, प्रेम के अधीन है। प्रभु को मात्र प्रेम ही चाहिए। मनुष्य अगर भगवान की कृपा दृष्टि चाहते है तो उसको सच्चाई की राह पर चलना चाहिए। भगवान का दूसरा नाम ही सत्य है। सत्यनिष्ठ प्रेम के पुजारी भक्त भगवान के अति प्रिय होते है। कलयुग में कथा का आश्रय ही सच्चा सुख प्रदान करता है। कथा श्रवण करने से सुख एवं शांति की प्राप्ति होती है। भागवत कलयुग का अमृत और सभी दु:खों की औषधि है। स्वामी ने उपस्थित सभी श्रोताओं से कहा कि इसलिए जब भी मौका मिले तब कथा सुनो और भगवान का भजन करो। अच्छे या बुरे कर्मो का फल हमें जरूर भुगतना पड़ता है। इसके पूर्व मुख्य यजमान धर्मनारायन शुक्ल, धर्मशीला देबी व शिवनारायण शुक्ल, निर्मला देवी ने मंच पर विराजमान कथाव्यास महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। भजन, गीत व संगीत पर श्रद्धालु झूम उठे। इस मौके पर कमला प्रसाद, पाण्डेय, कृपा शंकर यादव, सुरेश चंद्र दुबे, आजाद सरोज, पन्नालाल शुक्ला, त्रिवेणी प्रसाद उपाध्याय, सुनील कुमार, शुभम, सुमित, कान्हा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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