संत भक्ति मार्ग बताता है, भविष्य नहीं : डॉ. वसंतविजय | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
वाराणसी। संत के पास भक्ति का मार्ग पूछने आओ। भविष्य जानना है तो ज्योतिषाचार्यों के पास जाओ। संत भविष्य और भाग्य नहीं, भक्ति का मार्ग बताता है। उस पर पूरी श्रद्धा से चले तो भविष्य और भाग्य बदलते देर नहीं लगेगी। ये बातें श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति डॉ. वसंतविजय महाराज ने ‘काशी कोतवाल भैरव उत्सव के दूसरे दिन, गुरुवार को प्रवचन सत्र में कहीं।
नरिया स्थित रामनाथ चौधरी लॉन में हो रहे उत्सव में उन्होंने कहा कि हमारा शरीर प्रतिदिन एक करोड़ अस्सी लाख प्रकार की तरंगें ग्रहण करता है। ये तरंगें हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों से प्रवेश करती हैं। हमें पता ही नहीं कि किस तरंग को कैसे ग्रहण करना है। संत जब भक्ति का मार्ग बताता है तो वास्तव में वह मनुष्य शरीर को ब्रह्मांड से आ रही ऊर्जा को ग्रहण करने के योग्य बनाने का मार्ग दिखाता है। भक्त जब सामर्थ्यवान होगा तभी देव ऊर्जा को ग्रहण कर सकेगा।
- नारी का पुरुष के पांव दबाना समृद्धि का मार्ग
वसंत महाराज ने कहा कि नारी का पुरुष का पैर दबाना, उसकी गुलामी का प्रतीक नहीं बल्कि घर-गृहस्थी की समृद्धि का सहज मार्ग है। सत्य तो यह है कि पुरुष के घुटने के नीचे से शनि की तरंगें शरीर में प्रवेश करती हैं। नारी की हथेलियों से शुक्र की तरंगें प्रवेश करती हैं। जब नारी, पुरुष के पैर दबाती है तो शुक्र और शनि की तरंगों के बीच चुंबकीय दबाव बनता है। इस दबाव से उत्पन्न ऊर्जा जीवन में धनकारक योग बनाती है।