बच्चों को भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए: आशीष कृष्ण शास्त्री | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
- परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता है
जय प्रकाश तिवारी
सुजानगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के ग्राम पंचायत बसरही सुजानगंज में राजेशमणि त्रिपाठी के आवास पर चल रही भागवत कथा के तृतीय दिवस में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए पंडित आशीष कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है।
कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की। कथा के दौरान जौनपुर के सुप्रसिद्ध गायक सुधीर तिवारी ने अपने भजनों के माध्यम से लोगों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आचार्य अंशुमान पाण्डेय, महेंद्र नाथ द्विवेदी, विवेक मिश्र सहित अन्य कई लोग उपस्थित रहे।
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