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भागवत कथा सुनाते महामंडलेश्वर स्वामी आत्मानंद। |
नया सवेरा नेटवर्क
मीरगंज,जौनपुर। श्रीमद्भागवत महापुराण कथा मोक्षदायिनी है। मनुष्य के दैहिक दैविकऔर भौतिक ताप नष्ट हो जाते हैं। भागवत कथा जीवन में ज्ञानमंगल सुख प्रदान करने वाली हैं। भागवत कथा दैविक पुण्य लाभ प्रदान करने के साथ-साथ मनुष्य को निष्काम भक्ति भाव से जोड़ती है। यह बातें क्षेत्र के कसेरवा में आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का महात्म्य बताते हुए पीठाधी·ार नीलगिरी पर्वत त्रयम्बके·ार नासिक से आये महामंडलेश्वर स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने कही। संगीतमय कथा के दौरान कथा व्यास ने गणेश महिमा और कथा श्रवण से होने वाले लाभ के बारे में भक्तजनों को समझाया। श्री पीठाधी·ार महाराज ने कहा की प्रेम ही संसार का सार है और यह जगत इसी में तार-तार कर बंधा हुआ है। श्रीमद्भागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है। बस आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ श्रवण करने की। भागवत के श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होने के साथ प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है।भागवत कथा में पहले दिन कथा व्यास ने भगवान के विराट रूप का वर्णन किया। इसके पूर्व मुख्य यजमान धर्मनारायन शुक्ल, धर्मशीला देबी व शिवनारायण शुक्ल, निर्मला देवी ने मंच पर विराजमान कथाव्यास महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। भजन, गीत व संगीत पर श्रद्धालु झूम उठे। इस मौके पर धर्म नारायण शुक्ला, प्रेम नारायण तिवारी, लम्बरदार तिवारी, शीतला प्रसाद, हेमू तिवारी, राजेन्द्र गुप्ता, अंकुर शर्मा, शिवनारायण, सुनील कुमार, सुरेंद्र कुमार, आशीष कुमार, रविंद्र कुमार, शुभम, सुमित, कान्हा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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