नया सवेरा नेटवर्क
हट जाओ पहले नाना के रौजे़ पर जायेगें
बड़ागांव का ऐतिहासिक जुलूस ए अमारी संपन्न
शाहगंज,जौनपुर। क्षेत्र के ग्राम बड़ागांव स्थित पंजह शरीफ से निकला ऐतिहासिक अमारी का जुलूस बुधवार को चहार रौजा पहुंचकर संपंन हुआ। नमाजे सुबह के वक्त जनाब मोख्तार ने अजान दी। बाद नमाज फज्र पूर्व प्रधान मरहूम सैयद वसीम हैदर के पुत्र सैयद जीशान हैदर ने असीराने कर्बला के बारे में रेवायती बयान सुनाया। जिसके बाद काले झंडे लेकर छोटे छोटे बच्चे निकले उसके बाद अलम हजरत अब्बास अ.स बरामद हुआ जिसके बाद जुल्जनाह और इसके पीछे दीगर अमारियां बरामद हुर्इं। पंजह शरीफ पर बनी कब्रो सकीना की तुर्बत का पर्दा जैसे ही हटा मौजूद अजादार कब्रो सकीना का बोसा लेने के लिए उमड़ पड़े। जिसके फौरन बाद स्थानीय अंजुमन ने रवायती नौहा उठो सकीना बीबी जाता है काफिला पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। जुलूस अपने कदीम रास्तों से होता हुआ सांयकाल चाहार रौज़ा पर पहुंच कर खत्म हो गया। गौरतलब हो कि मीर औलाद हुसैन ने पहली बार 23 मई 1904 को इस जुलूस की शुरूआत की थी। जुलूस में देश विदेश से हजारों की तादात में शिया धर्म के साथ साथ अन्य धर्मों के अनुयायी भी जियारत के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान समय में हुसैनी मिशन की देख रेख में होने वाले आयोजन की जिम्मेदारी सैय्यद ज़ीशान हैदर ने संभाल रखी है। आयोजन की खूबी ये है कि शिया समुदाय के सबसे बड़े जुलूस में सुन्नी मुसलमानों के अलावा हिन्दू भाई भी बढ़चढ़ कर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करते हैं। कर्बला की जंग के बाद यजीद के द्वारा रिहाइ देने पर इमाम हुसैन अ.स. के बेटे सैय्यदे सज्जाद जिनका लकब आबिदे बीमार भी है जब अपनी बहन जनाब ए जैनब के साथ लुटा हुआ काफिला लेकर मदीना पहुंचे थे तो इसी मंजर की याद में यह जुलूस निकलता है। जिसमें अंजुमन अब्बासिया बाराबंकी, अंजुमन हैदरिया अब्दुल्लापुर अम्बेडकरनगर के अलावा विभिन्न जनपदों व प्रांतों से आई हुई लगभग 32 अंजुमनों ने नौहा पढ़कर नजरानए अकीदत पेश किया। मौलाना शमशीर-ए-हैदरी, मौलाना जुल्फेकारिया, मौलाना परवाने शब्बीर आजमगढ़, मौलाना पंजतनी वाराणसी, मौलाना वसी हसन खां फैजाबादी, मौलाना हसन मेंहदी गाजीपुरी, मौलाना जफर लखनवी, मौलाना शौकत नरवारी व गाँव के मौलाना खुशर््ाीद, मौलाना अरबी ने अपनी तकरीर में कर्बला की जंग व यजीद के द्वारा अहलेबैत पर ढाये गये जुल्म के बारे में सुनाया तो मौजूद अजादारों की आंखों से आंसू छलक पड़े। जुलूस का संचालन सहर अर्शी ने किया। बुधवार की शाम शफकत हुसैन ने अमारियों का परिचय अपने मखसूस अंदाज में कराकर समापन किया। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से उपजिलाधिकारी अंकित कुमार व क्षेत्राधिकारी अंकित कुमार, प्रभारी निरीक्षक सदानंद राय, एक प्लाटून पीएसी के साथ मौके पर मौजूद रहे।
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