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खेतों तक पहुंचे गोमती पानी का दृश्य। |
नया सवेरा नेटवर्क
खुटहन,जौनपुर। क्षेत्र में हो रही लगातार बरसात से बढ़ते गोमती नदी का जलस्तर देख किसानों की चिंता बढ़ गई है। नदी के तटवर्ती गांव के खेतों तक पानी पहुंच चुका है। नदी का बढ़ाव ऐसे ही रहा तो दो दिनों के भीतर किसानो की गाढ़ी कमाई की सैकड़ों बीघा फसल भी जलमग्न होने से बच नहीं सकती। किसानों की दूसरी बड़ी समस्या फसलों के साथ-साथ अपने पालतू मवेशियों के चारे के लिए भी हो जायेगी। ादी के किनारे बसे गांव शाहपुर सानी, अहियापुर, गढ़ा गोपालापुर गांवों के खेतों तक पानी पहुंच चुका है। वहीं तटवर्ती गांव कृष्णापुर,उदईपुर दीपी, बीरमपुर, अंगुली, बजरडीहा, आदि गांवो के खेतो तक पानी पहुंचने के कगार पर हैं। किसानों की माने तो रविवार का दिन गोमती में उफान का सबसे तेज दिन रहा। इस दिन पानी की वृद्धि बहुत तेजी के साथ हुई। यही आलम रहा तो दो-चार दिन के भीतर पानी खेत ही नहीं बस्तियों तक भी पहुंच जाएगा। जिसकी कल्पना मात्र से ही किसानो के चेहरे पर चिंता की लकीर खिंचने लगी है।नदी का तीव्र गति से बढ़ना देख किसानों को 1980 में आई बाढ़ की याद सताने लगी है। उस समय आई बाढ़ पूरे 1 माह तक टिकी रही। इसको लेकर अवकाश प्राप्त शिक्षक रमाशंकर यादव, अमरनाथ तिवारी, श्रीपाल पांडे, किसानों ने बताया कि 1980 में भी इसी प्रकार कई दिनों तक सूरज भगवान के दशर््ान नहीं हुए थे। लगातार बारिश होती रही थी। जिसके परिणाम स्वरु प गोमती नदी पूरे उफान पर आ गई थी। और सभी तटवर्ती गांव जलमग्न हो गए थे। बाढ़ के दौरान भी बरसात रु कने का नाम नहीं ले रही थी। जिसके चलते गोमती का जलस्तर न गिरने से बारिश का पानी महीनों तक जमा रहा। बरसात रु कने के बाद ही बाढ़ से निजात मिल पायी थी। इस बार भी मौसम का हाल कुछ उसी तरह से चल रहा है। जो आने वाली बड़ी मुसीबत की तरफ इशारा कर रहा है।
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