भागवत पुराण की कथा सुनाते पंडित तीर्थराज चौबे। |
नया सवेरा नेटवर्क
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ आयोजन
सिरकोनी,जौनपुर। मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार ले और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है। उक्त बातें शनिवार को क्षेत्र के तालामझवारा सुगुर्दीपुर साहब सिंह के आवास पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पंडित तीर्थराज चौबे ने कही उन्होंने कथा श्रवण कराते हुए पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दशर््ााया। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है।द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर क्षअयपात्र की प्राप्ति किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। कथा आरंभ होने के पूर्व विधायक जफराबाद डॉ हरेंद्र प्रसाद सिंह ने व्यासपीठ का पूजन व डॅा अखिलेश सिंह ने गुरु द्वेव का माल्यार्पण किया। इस दौरान आमोद सिंह,राजेश मिश्रा,रमेश सिंह,राजेंद्र सिंह, हरिशंकर चौबे,आशुतोष पांडेय,संदीप उपाध्याय,फूल सिंह,रामनवल सिंह,अशोक सिंह,समेत भार संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
Ad |
Ad |
Ad |
0 टिप्पणियाँ