नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। शीतला चौकियां धाम में चल रहे श्री राम कथा प्रवचन के चौथे दिन वाराणसी से पधारे कथा वाचक डा मदन मोहन मिश्र ने कथा प्रवचन के दौरान बताया कि मनुष्य के जीवन में सुख दुःख लगा रहता है।आज के दैनिक युग में प्राणी को युवा अवस्था में ही सदगुरू शरण में जुड़कर भगवन भक्ति कर जीवन को कृतार्थ बनाए। अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला सदगुरू ही है। भोपाल से पधारी राष्ट्रीय श्रीराम कथा प्रवाचिका साध्वी प्रेमलता ने कहा कि मनुष्य को रामायण द्वारा बताए गए मार्गों पर चलना चाहिए। बिना सौभाग्य के श्रीराम कथा प्राप्त नहीं होती।
रामकथा कथा व प्रवचन मानव कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करती है। साथ ही मुक्ति का रास्ता भी बनाती है। कथा तमाम पापों से मुक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। उन्होंने पंचवटी में राम-लक्ष्मण के प्रश्नोत्तर की चर्चा करते हुए कहा कि लक्ष्मण ने पूछा कि यह माया क्या है, ज्ञान क्या है, वैराग्य क्या है और उससे भी महत्व की बात, भक्ति क्या है। इस पर प्रभु ने कहा कि जिससे मैं प्राप्त होता हूं वही मेरी भक्ति है।कथा वाचक डा अखिलेश चंद्र पाठक ने श्रोताओं को रामायण कथा का उपाख्यान करते हुए कहा कि रामकथा प्रवचन व सत्संग समाज के लिए कल्याणकारी है। रामकथा एक ऐसा ग्रंथ है जिससे आपसी कटुता समाप्त कर समरसता फैलाती है।
मानव का कल्याण उसकी मानवता पर निर्भर करता है। लेकिन मानवता क्या है समाज आज इससे भटक रहा है। उन्होंने कहा सदगुरु तब मिलते हैं जब जन्म जन्मांतरों की पूंजी इकट्ठी होती है तो संत सदगुरू का दर्शन जीवन में मिलता है । सत्संग के प्रभाव से ही प्राणी महान बनता है।वर्तमान काल में श्री राम कथा की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि कथा समाज में परस्पर अविश्वास, जनित बिखराव, पारस्परिक द्वंद्व, राजनीतिक झगड़े आदि समस्याओं का समाधान करती है तथा सामाजिक व्यवहार, परमार्थिक कर्तव्यों का बोध कराकर व्यक्ति को दृढ़ बनाती है।
अन्याय, अत्याचार, अनैतिकता जैसे भयंकर दानवों से जूझने का सामर्थ्य केवल राम कथा ही प्रदान कर सकती है। इस मौके पर उपस्थित चंद्रदेव पंडा, मदन साहू, धीरज उपाध्याय, सीतारमन शरण जी महाराज, शिवआसरे गिरि, सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी, त्रिलोकी माली, अजीत गिरि,आलोक गिरि,अमित गिरि, समेत सैकड़ों लोग कथा पंडाल में उपस्थित रहे।
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