27 साल बाद दीवाली की खुशियों पर ’सूर्यग्रहण’ का साया | #NayaSaveraNetwork


27 साल बाद दीवाली की खुशियों पर ’सूर्यग्रहण’ का साया  | #NayaSaveraNetwork


नया सवेरा नेटवर्क

ग्रहण का सूतक काल यानी अमंगलकारी समय 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है 

इसलिए दिवाली की रात महालक्ष्मी की पूजा होगी और अगले दिन सूर्योदय से पहले ही ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा 

ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 26 को मनाई जाएगी 

सूतक के समय सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे और ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण किया जाएगा, इसके बाद मंदिरों में भक्त दर्शन कर पाएंगे। 

बंद रहेगा बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट, श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे दर्शन 

सुरेश गांधी 

वाराणसी। इस बार दिवाली के अगले ही दिन सूर्यग्रहण लग रहा है. ग्रहण का सूतक काल यानी अमंगलकारी समय 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है. इसलिए दिवाली की रात महालक्ष्मी की पूजा होगी और अगले दिन सूर्योदय से पहले ही ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा. माना जाता है कि ग्रहण का असर सभी राशियों के लोगों पर पड़ता है. बता दें, 24 अक्टूबर को दिवाली है। 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण लग रहा है. हालांकि यह आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जिसमें सूरज के एक बड़े हिस्से को चांद ढक लेगा. इस सूर्यग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा. चूंकि ये सूर्यग्रहण दिवाली के ठीक बाद लग रहा है, इसलिए लोगों में इस ग्रहण को लेकर जबरदस्त उत्सुकता है. वैज्ञानिकों से लेकर ज्योतिष और धर्मशास्त्री इसकी व्याख्या करने में जुटे हैं. ज्योतिषियो के अनुसार ग्रहण का हमारे जीवन पर कई प्रकार से असर पड़ता है. इसीलिए इसे लेकर लोगों में कौतूहल बना है. खास यह है कि इस सूर्यग्रहण का सभी राशियों पर कुछ न कुछ प्रभाव पड़ेगा। इसके प्रभाव से कुछ राशियों को जबरदस्त फायदा पहुंचेगा।  

ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार दीपावली 24 अक्टूबर, सोमवार को प्रदोष काल में मनाई जाएगी. जबकि दिवाली के अगले दिन यानी 25 तारीख को साल का अंतिम सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. वैसे तो हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इन दो पर्वों के बीच सूर्य ग्रहण और बुध, गुरु, शुक्र, शनि का अपनी-अपनी राशि में होना, ऐसा योग पिछले 1300 सालों में नहीं बना है। ये ग्रहण भारत के अधिकतर हिस्सों में दिखेगा। इस कारण इसका सूतक रहेगा, सभी धार्मिक मान्यताओं का पालन किया जाएगा। दिवाली की रात पूजन के बाद लक्ष्मी जी की चैकी सूतक लगने से पहले हटा लें या 25 को ग्रहण खत्म होने के बाद हटाएं। नासा के मुताबिक 25 अक्टूबर का सूर्य ग्रहण यूरोप, नॉर्थ-ईस्ट अफ्रीका, मिडिल ईस्ट, वेस्ट एशिया में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण के बाद 8 नवंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण भी होगा। ये एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में दिखेगा। भारत में भी इसे देखा जा सकेगा और इसका सूतक भी रहेगा। सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में आसानी से देखा जा सकेगा। देश के पूर्वी हिस्सों में ये ग्रहण दिख नहीं पाएगा, क्योंकि इन क्षेत्रों में उस समय सूर्यास्त हो चुका होगा। ग्रहण की शुरुआत शाम 4 बजे के बाद हो जाएगी। 

दीवाली की रात लक्ष्मी पूजन के बाद सुबह सूतक शुरू होने से पहले लक्ष्मी जी की चैकी हटा लेना अच्छा रहेगा। इसके बाद 25 की शाम ग्रहण खत्म होने के बाद ही लक्ष्मी जी की चैकी हटा सकते हैं। सूतक के समय सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे और ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण किया जाएगा, इसके बाद मंदिरों में भक्त दर्शन कर पाएंगे। शाम 6.25 बजे ग्रहण खत्म होगा। जिन जगहों पर ग्रहण खत्म होने से पहले सूर्यास्त होगा, वहां सूर्यास्त के साथ ही ग्रहण खत्म हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। सूर्य ग्रहण का सूतक 25 तारीख की सुबह 4 बजे से शुरू होगा। जब ग्रहण खत्म होगा, तब ग्रहण का सूतक भी खत्म हो जाएगा। जब ग्रहण का सूतक रहता है, तब पूजा-पाठ जैसे शुभ काम नहीं किए जाते हैं। इस वजह से सभी मंदिर बंद रहते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद ही पूजा-पाठ की जाती है। ग्रहण काल में बिना आवाज किए मंत्र जप किए जा सकते हैं। इस समय में दान करना चाहिए। धर्म और विज्ञान के नजरिए से इसके अलग-अलग कारण हैं। विज्ञान के मुताबिक पृथ्वी चंद्र के साथ सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्र पृथ्वी की परिक्रमा करता है। जब चंद्र परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में होते हैं, तब चंद्र की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। जहां-जहां चंद्र की छाया पड़ती है, वहां सूर्य नहीं दिखता है। इस स्थिति को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। धर्म के नजरिए से ग्रहण की कथा राहु और केतु से जुड़ी है।

कर्क राशि

इस राशि के लोगों पर सूर्य ग्रहण के कारण शुभ प्रभाव पड़ने वाला है। राशि के लोगों के अटके हुए काम पूरे होंगे। साथ ही हर कार्य में सफलता मिलेगी। वाहन, भूमि व भवन खरीद सकते हैं। धन लाभ होगा। परिवार में खुशियां आएंगी। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।

सिंह राशि

सूर्यग्रहण के कारण इस राशि के जातकों को काफी फायदा होने वाला है। कहीं से अटका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है। धन लाभ होगा। नौकरीपेशा लोगों को तरक्की के नए अवसर प्राप्त होंगे। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। व्यापार में मुनाफा होगा। विदेश व्यापार से लाभ मिलेगा।

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए भी यह सूर्य ग्रहण काफी शुभ रहने वाला है। इस राशि के जातकों को धन लाभ के नए स्रोत प्राप्त होंगे। इस दौरान तरक्की करेंगे। कहीं निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो वहां से अच्छा मुनाफा मिलेगा। विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र में तरक्की के नए अवसर प्राप्त होंगे।

मीन राशि 

सूर्यग्रहण के प्रभाव से मीन राशि के जातकों को धन लाभ होने की संभावना है। इस राशि के जातकों को कहीं से अचानक धन लाभ हो सकता है। कई तरह के कार्य पूरे होंगे। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। तरक्की के नए अवसर प्राप्त होंगे। हर क्षेत्र से सफलता हासिल होगी। परिवार का सहयोग प्राप्त होगा।

सावधानियां 

सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी नंगी आंखों से नहीं देखा जाना चाहिए। नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण देखना नुकसानदेह होगा। भारत में उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय सूर्य पर चंद्रमा द्वारा आच्छादन लगभग 40 से 50 प्रतिशत के बीच होगा. देश के अन्य हिस्सों में आच्छादन का प्रतिशत उपरोक्त मान से कम होगा. दिल्ली और मुम्बई में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य के आच्छादन का प्रतिशत क्रमशः 44 प्रतिशत एवं 24 प्रतिशत के लगभग होगा. ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक दिल्ली और मुम्बई में क्रमशः 1 घंटे 13 मिनट और 1 घंटे 19 मिनट की होगी. इसी प्रकार चेन्नई और कोलकाता में ग्रहण की अवधि प्रारम्भ से लेकर सूर्यास्त के समय तक क्रमशः 31 मिनट तथा 12 मिनट की होगी. अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जबकि चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और वे तीनों एक सीध में स्थित हो जाते हैं. आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है जब चन्द्र चक्रिका सूर्य चक्रिका को आंशिक रूप से ही ढक पाती है. चंद्रमा, सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे तब भी इसे नंगी आंखों से न देखें, क्योंकि यह आंखों को स्थाई नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे अंधापन तक हो सकता है. यह ग्रहण कई देशों में दिखेगा. ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी हिस्सों, पश्चमी एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा उत्तर हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है ऐलुमिनी माइलर. काले पॉलिमर 14 नं. शेड के झलाईदार कांच का उपयोग करके अथवा टेलेस्कोप के माध्यम से श्वेत पट पर सूर्य की छाया का प्रक्षेपण कर इसे देखा जा सकता है. जहां तक चंद्र ग्रहण की बात है तो यह ही भारत में दिखाई देगा. दरअसल, जो अगला ग्रहण भारत में दिखाई देगा, वह पूर्ण चंद्र ग्रहण ही होगा. यह अगले महीने की आठ तारीख को होगा. यह चंद्रोदय के समय भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा. 

बंद रहेगा बाबा विश्वनाथ मंदिर 

सूर्यग्रहण के दृष्टिगत 25 अक्टूबर को अपराह्न 3.30 से 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक बाबा विश्वनाथ जी मंदिर के साथ अन्य समस्त विग्रह आम दर्शनार्थियों के लिए पूर्ण रूपेण बन्द कर दिया जायेगा। 25 अक्टूबर के सायं से दर्शन-पूजन व मंदिर में होने वाली सप्तर्षि आरती, श्रृंगार भोग आरती, शयन आरती नहीं होगी। इस दौरान श्रद्धालुओं का प्रवेश भी वर्जित रहेगा। 26 अक्टूबर को प्रातः सूर्योदय के पश्चात मोक्ष पूजा, मंगला आरती के साथ मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए खोला जायेगा। सूर्यग्रहण (गृस्तास्त) है। सायं 4.42 मि स्पर्श एवं सायं 6.32 मि पर मोक्ष होगा। चूँकि यह ग्रहण गृस्तास्त है के दृष्टिगत 25 अक्टूबर को अपराह्न 3.30 से 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक बाबा विश्वनाथ जी मंदिर के साथ अन्य समस्त विग्रह आम दर्शनार्थियों के लिए पूर्ण रूपेण बन्द कर दिया जायेगा। यह जानकारी मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने दी है। 

*एस.आर.एस. हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेन्टर स्पोर्ट्स सर्जरी डॉ. अभय प्रताप सिंह (हड्डी रोग विशेषज्ञ) आर्थोस्कोपिक एण्ड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट ऑर्थोपेडिक सर्जन # फ्रैक्चर (नये एवं पुराने) # ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी # घुटने के लिगामेंट का बिना चीरा लगाए दूरबीन  # पद्धति से आपरेशन # ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी # पैथोलोजी लैब # आई.सी.यू.यूनिट मछलीशहर पड़ाव, ईदगाह के सामने, जौनपुर (उ.प्र.) सम्पर्क- 7355358194, Email : srshospital123@gmail.com*
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