Bareilly New: अटल बिहारी बाजपेई के जीवन से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए...
निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा
बरेली। भारतीय जनता पार्टी के कैंट विधानसभा में अटल स्मृति जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। वक्ताओं ने अटल बिहारी बाजपेई के जीवन से आज के युवाओं को भी प्रेरणा लेनी चाहिए उनके बताएं मार्ग पर हम सबको चलना चाहिए। पार्षदों को भी सम्मानित किया गया। स्मार्ट सिटी ऑडिटोरियम में भारत रत्न अटल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। भाजपा कैंट विधान सभा क्षेत्र में हुए अटल स्मृति कार्यक्रम मुख्य अतिथि एम एल सी बहोरन लाल मौर्य रहे। अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना ने की। संचालन प्रभु दयाल लोधी ने किया
इस अवसर पर मुख्य अतिथि एमएलसी बहोरन लाल मौर्य ने अटल बिहारी वाजपेई के जीवन पर आधारित तमाम विषयों की चर्चा की। अटल बिहारी वाजपेई विराट व्यक्तित्व और मर्म को महसूस कर नापतोल कर शब्द रखने वाले वाक पटु वक्ता थे। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई को हम सभी भारत वासियों की ओर से उनकी जन्म शताब्दी वर्ष पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। उन्होंने ऐसे कई विषयों चर्चा की। साथ ही अटल बिहारी जी के जीवन से आज के युवाओं को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके बताएं मार्ग पर हम सबको चलना चाहिए। बीजेपी सांसद छत्रपाल गंगवार ने कहा कि संगठन से सत्ता तक उनका यह भाषण केवल शब्द नहीं थे। बल्कि भारतीय राजनीति की उस यात्रा है जहां उन्होंने सत्ता की सीढ़िया तक की यात्रा की। अटल बिहारी वाजपेई ऐसे ही राजनेता थे। उन्होंने अटल जी के विभिन्न कार्यों के उदाहरण दिए और उन्होंने कहा अटल जी का विराट व्यक्तित्व देशवासियों को प्रेरणा दे रहा है। हम सबको उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि रवि रस्तोगी ने कहा अटल बिहारी वाजपेई भारतीय राजनीति में उस पीढ़ी के प्रतिनिधि थे। उनकी यात्रा किसी राजवंश की देन नहीं थी। उनकी यह यात्रा संघ की शाखाओं में अनुशासन सीखने से आरंभ होती है।
कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने कहां अटल जी राजनेता से राष्ट्र नेता थे। उनकी यह यात्रा अभिनंदनीय है। हमें अटल जी के मार्ग पर चलना चाहिए और उनसे प्रेरणा भी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा जनसंघ की बैठकों में विचार करने से आगे बढ़ती है और अंततः लोकतांत्रिक सत्ता के सर्वोच्च शिखर तक पहुंचती है। वर्ष 1940 के दशक में जब देश स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करता था। उसी काल में अटल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। संघ उनके लिए केवल संगठन नहीं था बल्कि जीवन दृष्टि था। राष्ट्र सर्वोपरि व्यक्ति साधन है। 1957 का लोकसभा चुनाव अटल की राजनीतिक यात्रा का निर्णायक मोड़ था। बलरामपुर से निर्वाचित होकर वह संसद पहुंचे थे।
महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना ने कहा उस संसद में जहां पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू जी जैसे वैश्विक नेता उपस्थित थे। वर्ष 1967 में जनसंख्या की राजनीतिक स्वीकारता बढी। अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार सरकार के निकट पहुंचे। 1977 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी सरकार बनी।वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ। वर्ष 1984 में मात्र दो सीटे किंतु अटल बिहारी वाजपेई जी ने उस समय सत्ता की शॉर्टकट राजनीति नहीं चुनी। वर्ष1996 में अटल बिहारी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनकी 13 दिन की सरकार रही और वह पराजय नहीं थी। वह सिद्धांत की विजय थी।वर्ष 1998 में अटल बिहारी जी पुनः प्रधानमंत्री बने। भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर आत्मनिर्भर सुरक्षा नीति की घोषणा की। 1999 में कारगिल युद्ध के समय उनका नेतृत्व स्पष्ट करता है। ऐसे तमाम विषयों को समाहित करते हुए अटल बिहारी वाजपेई के स्मृति पर चर्चा की गई। उन्हें याद किया गया और उन्हें सच्ची श्रद्धा सुमन श्रद्धांजलि अर्पित की गई
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कार्यक्रम में श्रुति गंगवार, उमेश कठेरिया अनिल कुमार एडवोकेट, डॉ सी पी एस चौहान, राम गोपाल मिश्रा, शिशुपाल सिंह कठेरिया, राज बहादुर सक्सेना, शिव कुमार महेश्वरी, अरुण कश्यप, बंटी ठाकुर, प्रभु दयाल लोधी, देवेन्द्र जोशी, सोनू कालरा, अमरीश कठेरिया, रूपेंद्र पटेल, विष्णु शर्मा, डॉ तृप्ति गुप्ता, जेपीएस पाल, राज अग्रवाल, पार्षद सोरभ कुमार, श्याम सिंह, ब्रजेश पाल, दरवारी लाल, छंगामल मौर्य, चन्द्रपाल आर्य, चित्रा मिश्रा, संतोष कश्यप, सागर मौर्य, कमलेश, गरीमा कमांडो, अजय रत्नाकर, गौरी पटेल, शालिनी वर्मा, पुष्पेंद्र माहेश्वरी, हर्ष कुमारी, पूनम राठौर, नीरज कुमार, अरविंद वर्मा, मंजू देवी जय प्रकाश, संजीव मुक्की, नरेंद्र मौर्य, जयदीप चौधरी, कन्हैया लाल राजपूत, मौहित तिवारी, राज किशोर कश्यप, योगेश बंटी, नीलम जेठा, संजीव दद्दा, राम निवास आर्य, हरीश वाल्मीकि, भरत मूलचंदानी, दरवारी लाल, के पी सिंह, प्रदीप सिंह, राजेश कुदेशिया, शिव पाठक, अमित भारद्वाज, विश्वेश्वर मौर्य, जितेंद्र वर्मा, कन्हैया लाल, वीरेश वर्मा राजपाल मौर्य राज, किशोर कश्यप, विकास राठौड़, मनोज कुमार यश चौहान अजय बर्मन, शिवम मौर्य, संतोष शर्मा, नितिन जोशी मीनू बाजपेई, पंकज आनंद, धर्मपाल मौर्य, राजेश गुप्ता, प्रेम शंकर, हिमांशु चंद्र, विनोद सैनी, ओम प्रकाश लोधी, शंकर लोधी, बृजेश मिश्रा, गोपाल शर्मा संतोष शर्मा चंद्रपाल राठौर, अतुल पंकज, मुनेन्द्र शर्मा आदित्य सक्सेना, हरवंश सिंह, राजू मिश्रा, हरि सिंह, वरदान सुधीर भटनागर, प्रहलाद मल्होत्रा सुरजीत वाल्मीकि, दीपक राठौर अजय मौर्य राजकुमार गुप्ता, सोनू कश्यप विशाल गुप्ता, पुष्पेंद्र शुक्ला, अंजु मिश्रा, गीता डोहरे, मनोज भारती, सुरेंद्र चौधरी विकास डिस्को, मिथुन वाल्मीकि, अजय चौहान, एवं भारतीय जनता पार्टी के देवतुल्य कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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