Mumbai News: हिन्दी प्रचार एवं शोध संस्था की 248वीं मासिक गोष्ठी सम्पन्न

248th monthly seminar of Mumbai News Hindi Publicity and Research Institute concluded

नया सवेरा नेटवर्क

मुंबई। हिंदी प्रचार एवं शोध संस्था मुंबई द्वारा 29 जून रविवार को न्यू सी व्यु,न्यू रविराज काम्प्लेक्स,जेसल पार्क ,भाईंदर (पूर्व ) में डॉ. उमेश चन्द्र शुक्ल के संयोजन में संस्था की 248 वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया।इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष डॉ. सुधाकर मिश्र ने अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कहा कि "कविता का अंतिम उद्देश्य आनंद होता है। आज के गोष्ठी की सार्थकता इस बात में है कि सभी कवियों की रचनाएँ सराहनीय है।" गीत पढ़ा "तुम हो चाँद , चाँदनी तुम हो, तुम हो झील मील तारा" मुख्य अतिथि संयोग साहित्य त्रैमासिक पत्रिका के संपादक मुरलीधर पाण्डेय ने दो बालगीत पढ़ें "प्यारे प्यारे बच्चे सारे,होते हैं अनमोल सितारे।","मेरे बच्चों नयन के तारे भारत माँ के राजदुलारे।" संस्था के महासचिव हिन्दी ग़ज़लकर डॉ.उमेश चन्द्र शुक्ल ने शेर कहें "साँप मुँह में क्या ख़ाक ज़हर रखता है ।जुबां पे आदमी तेज़ ज़हर रखता है।", "शर्तों की बादशाहत दो-चार दिन की बात ,फकीराना हो मस्ती क़ायम रहें दिन रात।" ग़ज़ल कहा "मुझसे मिलने आया नहीं है वो मगर, मिलने का किस्सा पुराना आ गया।" मार्कंडेय त्रिपाठी ने मार्मिक गीत पढ़ा "मृत संवेदना सब याद है, मैं विवस लाचार होकर रह गया।" श्रीधर मिश्र आत्मिक ने कविता पढ़ी "क्या लिख रहा हूँ,किसके लिए, इसमें मैं कहा हूँ" डॉ.ओमप्रकाश तिवारी ने "पिता तुम्हारे पिता रहते हमने प्रभु का रूप न जाना" एवं " सबको हद में रहना होगा।"

यह भी पढ़ें | UP News: आयुष विवि से चिकित्सा-शिक्षा के साथ खुलेंगे रोजगार के नए द्वार

 शब्दार्थ के संयोजक किरण चौबे ने कुंडलियाँ पढ़ी "भाषा से ना बैर हो, भाषा है आनंद", "लोक लाज को छोड़कर सारे, है सब लाचार बिचारे।" शिवप्रकाश जमदग्निपुरी "दूँगा उत्तर सभी प्रश्न जो भी तुमने किए,राजा होता प्रजा के पिता तुल्य है।" कहानीकार प्रभाकर मिश्र ने प्रतिशोध कहानी का वाचन किया।अजीत सिंह "जीवात्मा और यमराज संवाद" कविता का पाठ किया।अमरनाथ द्विवेदी "सतगुरु मिलें भाग्य बड़ जागी", " ऐ गीत पुराने कहने को सब अपने पर लगते बेगाने।" कल्पेश यादव ने "उम्र का आखिरी फ़साना है दर्द से अब तो दोस्ताना है।" डॉ.अशोक कुमार पाण्डेय  ने" श्रम परिश्रम पर तुषारापात होता है।" डॉ.रोशनी किरण ने "बहुत सरल शब्दों में भाव पिरोती हूँ"," "शीत ने दस्तक दिया है खूब वर्षा हो रही है।"

रीमा सिंह ने "वो फिर खफा हुए हैं, क्या बात हो गई।" डॉ.संजय सिंह निर्जल ने कविता पढ़ा " तेरी खुशबू जब्द है सीने में" अरुण दुबे ने "चुराकर नज़रें दुनिया से देखूँ, एक नज़र तुमको।"

माता कृपाल उपाध्याय  ने "हम यूपी वाले भ‌ईया, राजनीति के हम हैं खिलाड़ी, राजनीति है जननी मेरी "आदि कवियों ने काव्य पाठ किया। सरस्वती वंदना करके मार्कंडेय त्रिपाठी ने विधिवत कार्यक्रम का आरंभ किया। संस्था के महासचिव डॉ.उमेश चन्द्र शुक्ल ने काव्य गोष्ठी का संचालन किया एवं वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र पाण्डेय ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर वाराणसी से पधारे वरिष्ठ मीडिया अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी के साथ मीरा-भाईंदर के गणमान्य लोगों की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। लोगों ने काव्य गोष्ठी की भूरि भूरि सराहना किया ।

Admission Open: Brilliant Minds of the Future at Mount Litera Zee School | Location : Fatehganj, Jaunpur | Naya Sabera Network
Ads


नया सबेरा का चैनल JOIN करें