51वें जी-7 शिखर सम्मेलन 15-17 जून 2025 कनाडा में भारत का आगाज़

51st G-7 Summit 15-17 June 2025 India begins in Canada

भारत भविष्य में जी-7 का सदस्य बन सकता है,क्योंकि भारत की आर्थिक,राजनीतिक, वैश्विक ताकत तेजी से बढ़ रही है। 

भारत की वैश्विक भूमिका- चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों में योगदान,जियो पोलिटिकल महत्व सहित अनेको वैश्विक उपलब्धियों से प्रतिष्ठा बढ़ी-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा का डंका पूरी दुनियाँ में बज रहा है,जिसका सटीक उदाहरण अभी 17 जून 2025 को माननीय भारतीय पीएम द्वारा जी-7शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन कनाडा पहुंचे व सम्मेलन अटेंड किया, हालांकि भारत इसका सदस्य नहीं है, फिर भी 2019 से लगातार एक विशिष्टता  से आमंत्रित हो रहे हैं।सम्मेलन में भाग लेकर वैश्विक विकसित देशों से चर्चा कर विश्व को अपने अनुभव साझा कर रहा हैं,ताकि पूरी दुनियाँ की बेहतरीन के लिए बेहतर योगदान दिया जा सके।

आज हम  इस विषय पर चर्चा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हमारे पीएम को जी-7 में आमंत्रित किया गया जिससे हम उन सटीक अंदाज लगा सकते हैं कि, भारत की प्रतिष्ठा में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि हुई है। मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र से आज दिन भर इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया पर माननीय पीएम के कनाडा पहुंचने से लेकर अंत तक नजर गाड़ाए राखी। सम्मेलन के दौरान हर विकसित देश माननीय पीएम से मिलना चाहता था,भारत से नजदीकियां बनाए रखने के भाव बड़े-बड़े नेताओं में देखे जो रेखांकित करने वाली बात है। चूँकि भारत का 51 वें जी-7 शिखर सम्मेलन 15-17 जून 2025 कनाडा में भारत का आगाज हुआ इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत भविष्य में जी-7 का सदस्य बन सकता है,क्योंकि भारत आर्थिक, राजनीतिक, वैश्विक ताकत बनकर तेजी से बढ़ता चला जा रहा है। 

साथियों बात अगर हम जी-7 सम्मेलन 2025 कनाडा के प्रमुख बिंदुओं और उद्देश्यों को समझने की करें तो, जी-7 देश भारत को एक ऐसे शक्तिशाली साझेदार के रूप में देखते हैं, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का जवाब दे सकता है. भारत क्वाड समूह (भारत, अमेरिका,जापान,औरऑस्ट्रेलिया) का हिस्सा है, जो चीन के प्रभाव को संतुलित करने में महत्वपूर्णहै,दरअसल 2019 से भारत के पीएम को दुनिया के अमीर देश अपनी बैठक में हर साल बुलाते हैं, यह भारत की वैश्विक स्थिति और रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।

अमेरिका के हडसन इंस्टीट्यूट द्वारा 14 मई, 2023 को प्रकाशित लेख, जिसका शीर्षक है इंडिया is ऑलवेज इन्विटेड टू जी-7. व्हाई इज डैट सो इम्पोर्टेन्ट? ने भी भारत की दुनिया में बढ़ती ताकत और प्रासंगिकता को महसूस किया था,लेख में अनुमान लगाया गया है कि भारत भविष्य में जी-7 का औपचारिक सदस्य बन सकता है, क्योंकि उसका आर्थिक और रणनीतिक प्रभाव बढ़ रहा है। हालांकि, भारत की ओर से कुछ हिचकिचाहट हो सकती है।

जी-7 2025 के एजेंडा के प्रमुख बिंदु:(1) वैश्विक आर्थिक स्थिरता और वृद्धि मुद्रास्फीति, आर्थिक मंदी की आशंका, वैश्विक व्यापार में असंतुलन, आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा (2) ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटल संक्रमणआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिटिकल मिनरल्स, नेट-ज़ीरो लक्ष्यऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए नवीकरणीय स्रोतों और हरित हाइड्रोजन पर बल (3) शांति और सुरक्षा, इज़राइल -ईरान संघर्ष, यूक्रेन–रूस युद्ध, आतंकवाद उन्मूलन, साइबर सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता और शरणार्थियों के संरक्षण पर चर्चा, जी-7 देश भारत को एक ऐसे शक्तिशाली साझेदार के रूप में देखते हैं, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का जवाब दे सकता है।

जी-7 के प्रमुख उद्देश्य: (1) वैश्विक आर्थिक स्थिरता और वृद्धि को बढ़ावा देना (2) वित्तीय पारदर्शिता और सहयोग (3) जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय मुद्दों पर नेतृत्व(5)वैश्विक स्वास्थ्य ( जैसे कोविड -19 ) के संकट में सहयोग (6) लोकतंत्र और मानवाधिकारों का समर्थन, कनाडा के अल्बर्टा राज्य के कैननास्किस में जी7 समिट का आज आखिरी दिन है। पीएम मोदी अब तक 6 वर्ल्ड नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो, ऑस्ट्रेलिया पीएम एंथनी अल्बनीज, द. अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, साउथ कोरिया राष्ट्रपति लीजे म्युंग शामिल हैं। 

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साथियों बात अगर हम भारत की बढ़ती भूमिका उपस्थित प्रतिष्ठा को समझने की करें तो,(1)भारत इस साल ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हैतमाम वैश्विक संस्थाओं का मानना है कि भारत एक साल के अंदर ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का खिताब पा सकता है, जी 7 देश, जो विश्व की सबसे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का समूह हैं, भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी मानते हैं, कनाडाई पीएम ने शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत का होना आर्थिक और रणनीतिक चर्चाओं के लिए जरूरी है क्योंकि यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के केंद्र में है (2)-जिओ पोलिटिकल महत्व, भारत विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश और एक उभरती हुई शक्ति है, जी-7 देश भारत को एक लोकतांत्रिक और जिम्मेदार शक्ति के रूप में देखते हैं, जो चीन और रूस जैसे अधिनायकवादी देशों के प्रभाव को संतुलित करने में मदद कर सकता है,भारत का इंडो- पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक महत्व, खासकर चीन के बढ़ते प्रभाव के संदर्भ में, जी-7 के लिए महत्वपूर्ण है (3)-ग्लोबल साउथ का प्रतिनिधित्व-भारत को ग्लोबल साउथ का एक प्रमुख आवाज माना जाता है,जी 7 देश, जो मुख्य रूप से विकसित देश हैं, भारत जैसे उभरते देशों को शामिल करके वैश्विक मुद्दों पर व्यापक सहमति बनाना चाहते हैं,भारत की जी-20 अध्यक्षता (2023) ने इसे और मजबूत किया, जिससे जी7 को भारत की राय को नजरअंदाज करना मुश्किल हो गया, हडसन  इंस्टिट्यूट के लेख में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के 2022 के बयान का हवाला देते हुए लिखा गया कि यूरोप को यह मानसिकता छोड़नी होगी कि यूरोप की समस्याएँ विश्व की समस्याएं हैं, लेकिन विश्व की समस्याए यूरोप कीसमस्याएं नहीं हैं. भारत की जी-20 अध्यक्षता और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन (2023) ने इसे ग्लोबल साउथ के हितों को जी-7 जैसे मंचों पर उठाने में सक्षम बनाया है। (4) वैश्विक चुनौतियों में योगदान--जी-7 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन, ऊर्जा सुरक्षा, और अंतरराष्ट्रीय शांति जैसे मुद्दों पर चर्चा होती हैय भारत इन क्षेत्रों में अपनी नीतियों और तकनीकी प्रगति (जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल अर्थव्यवस्था) के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दे सकता हैइसके साथ ही भारत, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते, जी-7 के लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ मैच करता है. यह इसे उन देशों से अलग करता है जो जी-7 के लिए रणनीतिक चुनौतियां पेश करते हैं, जैसे कि चीन।(5) मोदी की व्यक्तिगत छवि--2019 से हर जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित किया गया है (2020 को छोड़कर, जब कोविड-19 के कारण शिखर सम्मेलन रद्द हुआ था). यह भारत की बढ़ती वैश्विक हैसियत और मोदी के नेतृत्व में भारत की सक्रिय विदेश नीति को दर्शाता है।पीएम की वैश्विक मंचों पर सक्रियता और उनकी कूटनीतिक पहल (जैसे जी-20 में भारत की भूमिका) ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है. जी-7 देश भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मोदी के साथ सीधे संवाद को महत्व देते हैं(6) चीन के मुकाबले भारत की रणनीतिक भूमिका--आज अमेरिका सहित पूरे पश्चिम की सबसे बड़ी चिंता चीन है. इसका कारण चीन की नीतियां तो अफेंसिव हैं हीं , चीन में लोकतंत्र का न होना भी एक बहुत बड़ा कारण है, हडसन इंस्टिट्यूट के लेख में तर्क दिया गया है कि भारत एक जिम्मेदार और लोकतांत्रिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो चीन जैसे अधिनायकवादी देशों के प्रभाव को संतुलित कर सकता है, उदाहरण के लिए, दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने 2016 में खारिज कर दिया था, लेकिन चीन ने इसे नजरअंदाज किया. इसके विपरीत, भारत ने नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन किया है,जी-7 देश भारत को एक ऐसे शक्तिशाली साझेदार के रूप में देखते हैं, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का जवाब दे सकता है,(7) भारत जैसे देश ही बचा सकेंगे जी-7 की प्रासंगिकता, हडसन इंस्टीट्यूट की लेख की मानें तो जी-7 का प्रभाव घट रहा है, और भारत जैसे देशों को शामिल करना इसे फिर से प्रासंगिक बनाने का एक तरीका हो सकता है।जी-7 देश भारत को एक लोकतांत्रिक और जिम्मेदार शक्ति के रूप में देखते हैं, जो रूस और चीन जैसे देशों के विपरीत है,लेख में भारत कीहिचकिचाहट को भी रेखांकित किया गया था. भारत एक तटस्थ और स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करता है, और जी-7 जैसे पश्चिमी-केंद्रित समूह में शामिल होने से उसकी नॉन -अलीज्ड मूवमेंट की नीति प्रभावित हो सकती है, इसके अलावा, चीन के साथ तनाव बढ़ने का जोखिम भी है।

अतः अगर हम पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन 15-17 जून 2025 कनाडा में भारत का आगाज़ भारत भविष्य में जी-7 का सदस्य बन सकता है,क्योंकि भारत की आर्थिक, राजनीतिक, वैश्विक ताकत तेजी से बढ़ रही है।भारत की वैश्विक भूमिका- चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों में योगदान, जियो पोलिटिकल महत्व सहित अनेको वैश्विक उपलब्धियों से प्रतिष्ठा बढ़ी।

-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465

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